सोल, 28 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन की बहन किम यो-जोंग ने सोमवार को कहा कि उत्तर कोरिया दक्षिण कोरिया की किसी भी नीति या प्रस्ताव में रुचि नहीं रखता और न ही सोल के साथ किसी तरह की बातचीत के लिए तैयार है।
सत्तारूढ़ पार्टी की केंद्रीय समिति की उप निदेशक किम यो-जोंग का यह बयान कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने जारी किया है।
यह बयान दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे म्युंग के उस प्रयास के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने सैन्य तनाव कम करने और दोनों कोरियाई देशों के बीच संबंध सुधारने के लिए बातचीत की पेशकश की थी।
यह उत्तर कोरिया का ली प्रशासन पर पहला आधिकारिक बयान है, जो पिछले महीने सत्ता में आया।
किम यो-जोंग ने कहा, "ली जे म्युंग के पिछले 50 दिनों के शासन को देखने के बाद यह स्पष्ट है कि वह अपने पूर्ववर्ती से अलग नहीं हैं। उन्होंने दक्षिण कोरिया-अमेरिका गठबंधन को बेतहाशा समर्थन देने और उत्तर कोरिया के साथ टकराव की नीति अपनाने का आरोप लगाया।"
किम ने आगे कहा, "दक्षिण कोरिया चाहे जितना भी प्रयास कर ले, उत्तर कोरिया का रुख नहीं बदलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया, "हम दक्षिण कोरिया के किसी भी प्रस्ताव या नीति में रुचि नहीं रखते और न ही उनके साथ बातचीत के लिए बैठेंगे।"
किम ने दक्षिण कोरिया के उस प्रस्ताव की भी आलोचना की, जिसमें अंतर-कोरियाई मामलों के लिए जिम्मेदार एकीकरण मंत्रालय को सामान्य करने की बात कही गई थी।
उन्होंने कहा, "दोनों कोरिया अलग-अलग देश हैं, इसलिए इस मंत्रालय को भंग कर देना चाहिए।" किम ने दक्षिण कोरिया पर 'एकीकरण द्वारा अवशोषण' की भ्रांति में होने का आरोप लगाया।
किम ने यह भी कहा कि अगर दक्षिण कोरिया को लगता है कि कुछ भावनात्मक शब्दों से वह अपने पिछले कार्यों के परिणामों को बदल सकता है, तो यह उसकी सबसे बड़ी गलतफहमी होगी।
उन्होंने उत्तर कोरिया को 'मुख्य दुश्मन' घोषित करने और टकराव की नीति अपनाने के लिए सोल की आलोचना की। साथ ही एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (एपीईसी) शिखर सम्मेलन में किम जोंग-उन को आमंत्रित करने के दक्षिण कोरिया के प्रस्ताव को 'हास्यास्पद भ्रम' करार दिया। ये सम्मेलन अक्टूबर में ग्योंगजू में होने वाला है।
--आईएएनएस
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