मुंबई, 28 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय कॉरपोरेट कंपनियों की आय अप्रैल-जून तिमाही में सालाना आधार पर 4-6 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
क्रिसिल की रिपोर्ट में बताया गया कि फार्मास्यूटिकल्स, कम्युनिकेशन सर्विसेज, संगठित खुदरा, एल्युमीनियम और एयरलाइंस जैसे पांच सेक्टर्स ने कॉरपोरेट इंडिया की आय को बढ़ाने में सबसे अधिक योगदान किया है।
फार्मास्यूटिकल्स की आय वृद्धि दर जून तिमाही में सालाना आधार पर 9-11 प्रतिशत रही है, जो कि बीती 10 तिमाही में सबसे अधिक है। इसकी वजह निर्यात और घरेलू बाजार में मांग का बढ़ना है।
वित्त वर्ष 26 की जून तिमाही में ईबीआईटीडीए में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ईबीआईटीडीए मार्जिन में 0.10 प्रतिशत से लेकर 0.30 प्रतिशत गिर गया है।
क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुशन शर्मा ने कहा, "मानसून के समय से पहले आने और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण अप्रैल-जून की अवधि में कुछ क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।"
उन्होंने आगे कहा,"टैरिफ संबंधी चिंताओं से पैदा हुई भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं ने आईटी सेवा क्षेत्र को प्रभावित किया है, जिससे परियोजनाओं में देरी के कारण आय वृद्धि दर में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की गई है।"
अत्यधिक इन्वेंट्री की चिंताओं के बावजूद, उच्च खुदरा बिक्री, बढ़ते निर्यात और उत्पाद मिश्रण समायोजन से ऑटो सेक्टर की आय में 4 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में आम चुनावों के कम आधार प्रभाव के कारण इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) कंपनियों में 6 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। अधिक महंगी सब्सक्रिप्शन योजनाओं के कारण कम्युनिकेशन सर्विसेज कंपनियों की आय में 12 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
विमानों के कम खड़े होने और नए विमानों के जुड़ने से बढ़ी हुई वॉल्यूम के कारण एयरलाइन की आय में 15 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण मांग में वृद्धि ने एफएमसीजी क्षेत्र की वॉल्यूम वृद्धि को बढ़ावा दिया और इससे ट्रैक्टर क्षेत्र में आय वृद्धि दर 17 प्रतिशत रही है। खाद्य मंहगाई में नरमी, अनुकूल मानसून और रबी फसलों की अच्छी कटाई के मौसम ने ग्रामीण मांग में फिर से तेजी लाने में योगदान दिया। कम परिचालन व्यय के कारण कम्युनिकेशन सर्विसेज कंपनियों के मार्जिन में वार्षिक आधार पर 290-320 आधार अंकों की वृद्धि की संभावना है।
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