निफ्टी के 12 महीनों में 28,781 स्तर तक पहुंचने का अनुमान, घरेलू क्षेत्र विकास को देंगे गति : रिपोर्ट

निफ्टी के 12 महीनों में 28,781 स्तर तक पहुंचने का अनुमान, घरेलू क्षेत्र विकास को देंगे गति : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। मार्केट बेंचमार्क निफ्टी लगभग 12 महीनों में 28,781 अंक के स्तर तक पहुंच सकता है। मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ, एच-1बी वीजा शुल्क वृद्धि और भू-राजनीतिक अस्थिरता जैसी वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार मजबूत स्थिति में बने हुए हैं।

पीएल कैपिटल ने वित्त वर्ष 2025 से वित्त वर्ष 2027 तक निफ्टी के लिए 12.1 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर का अनुमान लगाया है, जिसमें बैंक, ऑटो और मेटल जैसे घरेलू क्षेत्र विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

ब्रोकरेज ने कहा कि सामान्य मानसून, ब्याज दरों में 100 आधार अंकों की कटौती, जीएसटी रेट कट और वित्त वर्ष 2026 के बजट में घोषित कर कटौती के साथ अब उपभोग में मजबूत सुधार के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं।

ब्रोकरेज का कहना है कि सीमेंट, मेटल, तेल और गैस ऐसे क्षेत्र हैं, जो वित्त वर्ष 2026 की आय में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि ने अर्थव्यवस्था के मजबूती की पुष्टि की है, जो उम्मीदों से बढ़कर 7.8 प्रतिशत रही, जबकि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में यह 6.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में 7.4 प्रतिशत थी।

जीएसटी कलेक्शन, ई-वे बिल, सेवा निर्यात और क्रेडिट वृद्धि जैसे हाई-फ्रिक्वेंसी इंडीकेटर मजबूत अंतर्निहित घरेलू मांग का संकेत देते हैं।

पीएल कैपिटल ने अनुमान लगाया है कि मांग में सुधार से निजी क्षेत्र के क्षमता उपयोग और निजी पूंजीगत व्यय में वृद्धि होने की संभावना है, जो लंबे समय से रुके हुए थे।

फर्म ने कहा कि भारत का सेवा निर्यात डिजिटल रूप से वितरित, हाई-वैल्यू नॉलेज सर्विस के नेतृत्व में एक नए विकास चरण में प्रवेश कर रहा है।

फर्म ने कहा, "2030 तक, देश में लगभग 2,200 वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) होने का अनुमान है, जो 100 अरब डॉलर से अधिक का राजस्व उत्पन्न करेंगे और कुल सेवा निर्यात 500 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।"

इसमें आगे कहा गया है कि टैलेंट लैंडस्केप तेजी से विकसित हो रहा है और एआई, साइबर सिक्योरिटी, जेनएआई प्रोडक्ट इंजीनियरिंग और सस्टेनेबिलिटी एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ रही है, जिससे ग्लोबल इनोवेशन हब के रूप में भारत की स्थिति मजबूत हो रही है।

--आईएएनएस

एसकेटी/