भारत के रियल एस्टेट सेक्टर ने 11 डील के जरिए चालू वित्त वर्ष में जुटाए 17,867 करोड़ रुपए

भारत के रियल एस्टेट सेक्टर ने 11 डील के जरिए चालू वित्त वर्ष में जुटाए 17,867 करोड़ रुपए

मुंबई, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के रियल एस्टेट सेक्टर ने चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 11 कैपिटल मार्केट डील्स के जरिए 17,867 करोड़ रुपए जुटाए हैं। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

इक्विरस कैपिटल की रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 26 के नौ महीनों में रियल एस्टेट में डील्स की संख्या वित्त वर्ष 25 के बराबर हो गई है। यह इस साल छह वर्षों के उच्चतम स्तर को पार कर सकता है।

कुल मिलाकर रियल एस्टेट सेक्टर ने वित्त वर्ष 18 से 72,331 करोड़ रुपए की फंडिंग जुटाई है और आरईआईटी को इसमें सबसे बड़ा हिस्सा मिला, जो 31,241 करोड़ रुपए था, इसके बाद लार्ज-कैप रियल एस्टेट कंपनियों को 20,437 करोड़ रुपए, मिड-कैप रियल एस्टेट कंपनियों को 12,496 करोड़ रुपए और स्मॉल-कैप रियल एस्टेट कंपनियों को 8,156 करोड़ रुपए का फंड मिला।

मजबूत आर्थिक ग्रोथ और खपत की वजह से भारत का रियल एस्टेट सेक्टर मजबूत बना हुआ है।

हाल के ट्रेंड्स बताते हैं कि बढ़ती अफोर्डेबिलिटी और इन्वेस्टमेंट के आधार पर आने वाले समय में रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी जारी रहेगी।

रिपोर्ट के अनुसार, "वित्त वर्ष 21 में कोविड के बाद से होम लोन की दरें और रेंटल यील्ड स्थिर बनी हुई हैं, जिससे खरीदारों को राहत मिली है। वित्त वर्ष 26 में होम लोन की दरों और रेंटल यील्ड के बीच का अंतर 500 आधार से कम होने की संभावना है।"

पिछले कुछ वर्षों में पूरे भारत में घरों की अफोर्डेबिलिटी में इजाफा हुआ है। प्रॉपर्टी प्राइस टू एनुअल इनकम रेश्यो कम होकर 2024 में 3.3 हो गया है, जो कि 1995 में 22 पर था।

बदलते लाइफस्टाइल, अपग्रेड, कम ब्याज दरों और बढ़ती आय जैसे कई कारणों से 2025 की पहली छमाही में रियल एस्टेट पसंदीदा एसेट क्लास था।

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों में पूरे भारत में रेजिडेंशियल रियल एस्टेट की मांग आपूर्ति के बराबर या उससे अधिक रही है। पिछले कैलेंडर वर्ष (2024) में कई नए प्रोजेक्ट लॉन्च होने से टॉप सात शहरों में बिक्री में बढ़ोतरी देखी गई।

--आईएएनएस

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