मुंबई, 8 जुलाई (आईएएनएस)। रियल एस्टेट डेवलपर्स द्वारा 2025 की पहली छमाही में भूमि खरीद का सिलसिला जारी रहा, जिसमें इस अवधि के दौरान पूरे भारत में 76 सौदों में 2,898 एकड़ से अधिक भूमि का लेन-देन हुआ। यह जानकारी मंगलवार को जारी एनारॉक की रिपोर्ट में दी गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में अब तक लेन-देन की गई भूमि की कुल मात्रा पहले से ही पूरे 2024 में देखी गई डील की मात्रा का 1.15 गुना है, जिसमें 2,515 एकड़ के लिए लगभग 133 सौदे पूरे हुए।
रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में लेन-देन की गई भूमि का कुल मूल्य 30,885 करोड़ रुपए था, जिसमें लगभग 1.47 लाख करोड़ रुपए की राजस्व क्षमता और 233 मिलियन वर्ग फुट से अधिक की कुल विकास क्षमता थी।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि 2025 की पहली छमाही में कुल भूमि सौदों में से, लगभग 991 एकड़ के लिए 67 से अधिक सौदे अकेले शीर्ष 7 शहरों में हुए।
1,907 एकड़ से अधिक के लिए शेष 9 सौदे अहमदाबाद, अमृतसर, कोयंबटूर, इंदौर, मैसूर और पानीपत जैसे टियर 2 और 3 शहरों में हुए।
शीर्ष 7 शहरों में, भूमि की कमी वाले मुंबई महानगर क्षेत्र में सबसे अधिक 433 से अधिक एकड़ के लिए 24 भूमि सौदों के साथ कार्रवाई हुई, इसके बाद बेंगलुरु में लगभग 182 एकड़ के लिए 15 भूमि सौदे और पुणे में 214 एकड़ से अधिक के लिए 13 सौदे हुए।
आवासीय रियल एस्टेट के अलावा, कमर्शियल, रिटेल, इंडस्ट्रियल लॉजिस्टिक्स, और वेयरहाउसिंग भी भारत भर में प्रमुख स्थानों पर प्रमुख भूमि सौदों को बढ़ावा दे रहे हैं।
2025 की पहली छमाही में कुल भूमि सौदों में से, 1,200 एकड़ से अधिक के लिए कम से कम 54 अलग-अलग सौदे अपार्टमेंट, विला, प्लॉटेड डेवलपमेंट और टाउनशिप परियोजनाओं जैसे आवासीय विकास के लिए प्रस्तावित हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कमर्शियल प्रोजेक्ट्स के लिए लगभग 48.41 एकड़ के लिए 8 अन्य सौदे प्रस्तावित हैं और मिश्रित उपयोग विकास के लिए लगभग 1,034 एकड़ के लिए 6 सौदे प्रस्तावित हैं।
एनारॉक ग्रुप के लैंड सर्विसेज एमडी और सीईओ मयंक सक्सेना ने कहा, "2021 से कोरोना महामारी के बाद के वर्षों में भूमि सौदों की लगातार बाढ़ देखी गई है। इन सौदों का पैमाना और परिष्कार, जो 841 मिलियन वर्ग फीट की संयुक्त विकास क्षमता के लिए जिम्मेदार है, रियल एस्टेट बाजार की परिपक्वता को रेखांकित करता है।"
उन्होंने कहा, "नेशनल लैंड ट्रांजैक्शन इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में टियर 2 और 3 शहरों का उभरना भी बेहतर है।"
--आईएएनएस
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