नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में प्राइवेट एक्विटी और वेंचर कैपिटल निवेश इस वर्ष अक्टूबर में 5.3 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंच गया है, जो कि मासिक आधार पर 9 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। निवेश को लेकर यह वृद्धि पब्लिक इक्विटी में निजी निवेश (पीआईपीई) में 10 गुना उछाल आने के कारण देखी गई। यह जानकारी शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) और इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) की रिपोर्ट में कहा गया है, सेक्टर वाइज फाइनेंशियल सर्विसेज ने 2.9 अरब डॉलर की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज करवाई है, इसके बाद ई-कॉमर्स ने 715 मिलियन डॉलर की वृद्धि दर्ज करवाई।
इस वर्ष अक्टूबर में पीआईपीई डील 2.1 अरब डॉलर के साथ सबसे अधिक रही, जिसमें सालाना आधार पर 981 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। जबकि स्टार्टअप निवेश ने 2 अरब डॉलर के साथ सालाना आधार पर 175 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करवाई।
फाइनेंशियल सर्विसेज, ई-कॉमर्स एंड टेक्नोलॉजी ने मिलकर मासिक निवेश मूल्य में 77 प्रतिशत का योगदान दिया।
ईवाई में प्राइवेट इक्विटी सर्विसेज के पार्टनर और नेशनल लीडर विवेक सोनी ने कहा, "बीते वर्ष अक्टूबर की तुलना में डील की संख्या 112 से घटकर इस वर्ष अक्टूबर में 102 रह गई है।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि आगामी वर्षों में इंडस्ट्रियल सेक्टर में मजबूत मांग देखी जा सकती है, जिसे लार्ज-स्केल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और गवर्मेंट लेड कैपिटल एक्सपेंडिचर प्रोग्राम का सपोर्ट मिला।
बड़े ट्रांजैक्शन ने कुल मासिक निवेश मूल्य में 70 प्रतिशत का योगदान दर्ज करवाया, जिसमें 9 बड़ी डील 3.7 अरब डॉलर की रही। पीई/वीसी निवेश 81 प्रतिशत की वृद्धि के बाद 5 अरब डॉलर के आंकड़े को छू गए, जो कि 13 महीनों का उच्च स्तर रहा। जबकि रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश 83 प्रतिशत की गिरावट के बाद 291 मिलियन डॉलर रहे।
दूसरी तिमाही के नतीजे एक मिक्स्ड कॉरपोरेट आउटलुक को दिखाते हैं, जिसके साथ भारत में पीई/वीसी लैंडस्केप एक एक्टिव फेज के लिए तैयार है। जहां, एक ओर बैंकिंग, आईटी और एफएमसीजी मजबूत बने रहेंगे। वहीं, कमोडिटी और मैन्युफैक्चरिंग पर मार्जिन और मांग का दबाव रहेगा।
--आईएएनएस
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