ट्रेड डील केवल टैरिफ को लेकर नहीं, रिश्तों और भरोसे को लेकर भी होती है : पीयूष गोयल

ट्रेड डील केवल टैरिफ को लेकर नहीं, रिश्तों और भरोसे को लेकर भी होती है : पीयूष गोयल

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि ट्रेड डील केवल टैरिफ को लेकर नहीं होती, न ही यह केवल सामान या सर्विस तक पहुंच को लेकर होती है। उन्होंने कहा कि ट्रेड डील रिश्तों और भरोसे को लेकर होती है।

बर्लिन ग्लोबल डायलॉग (बीजीडी) में केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि ट्रेड डील ज्यादा समय के लिए होती हैं।

उन्होंने कहा, "यह बिजनेस को यह दिखाने का एक तरीका है कि आप दोनों देशों के बीच काम कर सकते हैं और बिजनेस पर भरोसा कर सकते हैं कि वे आगे बढ़ेंगे, बिजनेस सुरक्षित रहेंगे, बिजनेस को अवसर और उन डेमोक्रेसी में कानून के राज में एक फेयर डील मिलेगी, जिनमें हम सभी काम करते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि लंबे समय के नजरिए से ट्रेड डील में केवल टैरिफ से कहीं अधिक होता है।"

केंद्रीय मंत्री गोयल ने वक्ता के रूप में कहा कि हमारे पास डेमोग्राफिक डिविडेंड है। हमारी औसत उम्र केवल 28 वर्ष है, जो केवल अफ्रिका को छोड़कर दुनिया के अधिकतर हिस्सों में नहीं मिलेगी।

उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि युवा शक्ति इंटरनेट से जुड़ी हुई है और अब हमारे पास एक अरब इंटरनेट यूजर्स हैं, जो कि बहुत एंबिशियस है।

उन्होंने कहा, "यह एंबिशन देश के युवाओं को अधिक मेहनत करने, नई टेक्नोलॉजी, नई भाषाएं, नए देश अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।"

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, "मुझे लगता है कि हमें भारत की इकॉनमी को भी पहचानना चाहिए, भले ही यह केवल 4 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी लगती हो, लेकिन परचेजिंग पावर पैरिटी के हिसाब से भारत की इकोनॉमी पहले से ही 15 ट्रिलियन डॉलर है।"

उन्होंने कहा कि बढ़ती सैलरी, बेहतर रहने की स्थिति, बेहतर क्वालिटी ऑफ लाइफ जैसे एंबिशन लोगों के सपनों और लोगों की कोशिशों को आगे बढ़ा रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम पिछले चार वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी रहे हैं और मुझे लगता है कि यह भविष्य में कम से कम 20-25 वर्षों तक जारी रहेगा।

उन्होंने कहा, "हालांकि सवाल यह है कि क्या आप अपने नागरिकों को अच्छी क्वालिटी ऑफ लाइफ देते हैं। कोई भी देश जो अपनी संस्कृति, अपनी विरासत को छोड़ देता है, वह कभी सफल नहीं हो सकता। यह कुछ ऐसा है जिस पर हमें बहुत गर्व है। हमारे लिए, यह डेवलपमेंट उतना ही जरूरी है जितना कि हमारा इतिहास, हमारी संस्कृति, और हमारे पारंपरिक वैल्यू सिस्टम हमारे लिए जरूरी हैं।"

--आईएएनएस

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