भारत के आरईआईटी मार्केट का आकार 4 वर्षों में बढ़कर 10.8 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान

भारत के आरईआईटी मार्केट का आकार 4 वर्षों में बढ़कर 10.8 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान

नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)। भारत के रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) मार्केट का आकार 2029 तक बढ़कर 10.8 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। इसमें ऑफिस मार्केट की हिस्सेदारी 65.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म जेएलएल की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के आरईआईटी मार्केट ने वित्त वर्ष 25 में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का बाजार पूंजीकरण हासिल करके बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

रिपोर्ट के मुताबिक, आरईआईटी मार्केट का पूंजीकरण वित्त वर्ष 20 में 264 अरब रुपए से बढ़कर 30 सितंबर 2025 तक बढ़कर 1.6 लाख करोड़ रुपए हो गया है।

जेएलएल ने बताया कि भारत के आरईआईटी मार्केट में तेज बदलाव आया है और 2019 में 33 मिलियन स्क्वायर फीट के साथ देश में केवल एक आरईआईटी थी और अब देश में कुल पांच लिस्टेड आरईआईटी हो गई हैं, जो कि कुल 174 मिलियन स्क्वायर फीट को मैनेज करती हैं।

भारत में जेएलएल की वरिष्ठ प्रबंध निदेशक एवं पूंजी बाजार प्रमुख लता पिल्लई ने कहा, "भारत का आरईआईटी क्षेत्र एक उभरती हुई अवधारणा से एक आकर्षक निवेश माध्यम के रूप में विकसित हुआ है। 6 वर्षों में 40 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर वृद्धि एक संस्थागत परिसंपत्ति वर्ग के रूप में वाणिज्यिक अचल संपत्ति में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है।"

यूनिट होल्डिंग पैटर्न दिखाता है कि म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस कंपनियों, पेंशन फंड्स, सॉवरेन वेल्थ फंड और एनबीएफसी की आरईआईटी में रुचि बढ़ रही है। यह दिखाता है कि मार्केट धीरे-धीरे परिपक्व हो रहा है।

देश के शीर्ष सात शहरों में ग्रेड ए के ऑफिस में आरईआईटी की हिस्सेदारी जून 2025 तक बढ़कर 15 प्रतिशत हो गई है, जो कि 2019 में 4.2 प्रतिशत थी।

आरईआईटी का आधार भी मजबूत बना हुआ है, क्योंकि चार ऑफिस आरईआईटी के द्वारा संचालित ऑफिस में ऑक्यूपेंसी रेट 91 प्रतिशत थी।

पिछले हफ्ते सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा था कि बाजार नियामक रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट्स) को बड़े बाजार सूचकांकों में शामिल कर सकता है।

उन्होंने कहा कि यह कदम पूरी कैलकुलेशन के साथ चरणबद्ध तरीके से उठाया जाएगा। इससे आरईआईटी और इनविट्स में लिक्विडिटी बढ़ेगी और दृश्यता में इजाफा होगा एवं निवेशकों की रुचि बढ़ेगी।

--आईएएनएस

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