नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत में सोने की मांग जुलाई-सितंबर अवधि में सालाना आधार पर 16 प्रतिशत कम होकर 209.4 टन हो गई है। इसकी वजह सोने की कीमतों में 23 प्रतिशत की बढ़त होना है। यह जानकारी गुरुवार को वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ओर से जारी किए गए डेटा में दी गई।
डेटा के मुताबिक, समीक्षा अवधि में ज्वेलरी की मांग 31 प्रतिशत कम हो गई है। वहीं, कॉइन और बार की निवेश मांग में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के डेटा के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 1,009 रुपए घटकर 1,19,619 रुपए हो गई है। इससे पहले सोने की कीमत 1,20,628 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।
22 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत कम होकर 1,09,571 रुपए हो गई है, जो कि इससे पहले 1,10,495 रुपए प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई थी। वहीं, 18 कैरेट के 10 ग्राम सोने का दाम कम होकर 89,714 रुपए हो गया है, जो कि पहले 90,417 रुपए प्रति 10 ग्राम था।
जुलाई से सितंबर तिमाही में ज्वेलरी पर खर्च करीब 1.14 लाख करोड़ रुपए पर सपाट बना हुआ है। हालांकि, सोने में निवेश 74 प्रतिशत बढ़कर 88,970 करोड़ रुपए हो गया है।
सितंबर तिमाही में सोने की कीमतें (आयात शुल्क और जीएसटी को हटाकर) बीते एक साल में 46 प्रतिशत बढ़कर 97,075 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है। पिछले साल की समान तिमाही में यह 66,614 रुपए पर थी।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, इस उछाल का ग्राहक धारणा पर नकारात्मक असर हुआ है और आयात 34 प्रतिशत कम होकर 195 टन रह गया है, जो कि पहले 308 टन था।
बाजार के जानकारों ने कहा कि आज के सत्र में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया। इसकी वजह फेड रेट कट के बाद बाजार का नकारात्मक प्रदर्शन करना था। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से न्यूक्लियर हथियार टेस्ट करने की अनुमति से बुलियन मार्केट को सपोर्ट मिला है। आने वाले समय में सोना 1,18,000 रुपए से लेकर 1,24,500 रुपए की रेंज में रह सकता है।
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