पीएलआई योजना के तहत केंद्र ने प्रोत्साहन स्वरूप 14,020 करोड़ रुपये किए वितरित, उद्योग जगत ने सराहा

पीएलआई योजना के तहत केंद्र ने प्रोत्साहन के रूप में 14,020 करोड़ रुपये किए वितरित, उद्योग जगह ने सराहा

नई दिल्ली, 24 मार्च (आईएएनएस)। सरकार द्वारा कई क्षेत्रों में उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 14,020 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। उद्योग जगत ने इसकी सराहना करते हुए भारत के विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया अहम कदम बताया।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, केंद्र ने बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, आईटी हार्डवेयर, बल्क ड्रग्स, मेडिकल डिवाइस, फार्मास्यूटिकल्स, टेलीकॉम प्रोडक्ट्स, फूड प्रोसेसिंग, व्हाइट गुड्स, ऑटोमोबाइल और ड्रोन सहित 10 क्षेत्रों में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए अपनी पीएलआई योजनाओं के तहत 14,020 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन वितरित किए हैं।

पीएलआई योजनाएं 14 प्रमुख क्षेत्रों में भारत के 'आत्मनिर्भर' बनने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए कार्यान्वित की जा रही हैं और ये योजनाएं 1.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने में सफल रही हैं।

इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) के अध्यक्ष अशोक चांडक ने कहा, "यह पहल रोजगार पैदा करने, भारत के मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विस्तार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर में निर्यात की दिशा में एक बड़ा कदम है।"

भविष्य को देखते हुए, हम इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) सेक्टर में विकास और इनोवेशन बढ़ावा देने, सप्लाई चेन में लचीलापन और भारत को उच्च मूल्य वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन के लिए ग्लोबल हब के रूप में स्थापित करने की उम्मीद करते हैं।"

उन्होंने कहा कि मौजूदा गति, आगामी सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम वी2.0 और इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेंट्स के लिए पीएलआई योजना के साथ मिलकर 500 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार हासिल करने के लिए एक लक्षित रणनीति को आगे बढ़ाएगी। साथ ही वैल्यू एडिशन के साथ 103 बिलियन डॉलर सेमीकंडक्टर मांग को पूरा करने के लिए तेजी से काम करेगी।

इन योजनाओं ने घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित किया है, जिससे उत्पादन, रोजगार सृजन और निर्यात में वृद्धि हुई है।

योजनाओं ने घरेलू और विदेशी दोनों प्लेयर्स से निवेश भी आकर्षित किया है।

आज तक, 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं के तहत 764 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं।

आधिकारिक बयान के अनुसार, बल्क ड्रग्स, मेडिकल डिवाइस, फार्मा, टेलीकॉम, व्हाइट गुड्स, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स और ड्रोन जैसे सेक्टर में 176 एमएसएमई पीएलआई लाभार्थियों में शामिल हैं।

नवंबर 2024 तक लगभग 1.61 लाख करोड़ रुपये का निवेश दर्ज किया गया है, जिससे वित्त वर्ष 2024-25 तक 15.52 लाख करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले लगभग 14 लाख करोड़ रुपये (लगभग 162.84 बिलियन डॉलर) का उत्पादन हुआ है। साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 11.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।

पीएलआई योजनाओं ने भारत के एक्सपोर्ट बास्केट को पारंपरिक वस्तुओं से बदलकर हाई-वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार सामान, फूड प्रोसेसिंग आदि में बदल दिया है।

पीएलआई योजनाओं ने 5.31 लाख करोड़ रुपये (लगभग 61.76 बिलियन डॉलर) से अधिक निर्यात देखा है, जिसमें बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, फार्मास्यूटिकल्स, फूड प्रोसेसिंग और दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों जैसे सेक्टर का अहम योगदान है।

--आईएएनएस

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