मुंबई, 9 सितंबर (आईएएनएस)। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर मंगलवार को मुंबई स्थित बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के स्वामीनारायण मंदिर पहुंचे। वहां साधु, सेवक और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
श्री श्री रविशंकर ने मंदिर की दिव्य और आध्यात्मिक छटा के मध्य गहन श्रद्धा से भगवान स्वामीनारायण की आरती की, अर्घ्य अर्पित किया और श्री नीलकंठ वर्णी का अभिषेक कर सम्पूर्ण मानवजाति के कल्याण, शांति और सुख-समृद्धि की हार्दिक प्रार्थना की।
मंदिर के दिव्य वातावरण में श्री श्री रविशंकर ने प्रमुख स्वामी महाराज और महंत स्वामी महाराज की आध्यात्मिक परंपरा के प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त की और उनके साथ बिताए पलों को याद किया।
आध्यात्मिक गुरु ने उनकी निस्वार्थ सेवा, शाश्वत ज्ञान और समाज के उत्थान के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता की भी प्रशंसा की और बताया कि कैसे उनका जीवन दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करता रहता है।
उन्होंने कहा कि दोनों परम पूज्य गुरुजनों की करुणा, त्याग और सेवाभाव ने समाज को नई दिशा दी है और आज भी उनका जीवन अनगिनत हृदयों को आलोकित कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि बीएपीएस संस्था वेदों की परंपरा से जुड़ा एक सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन है, जिसकी जड़ें वेदों में हैं। व्यावहारिक आध्यात्मिकता के आधार पर स्थापित यह संस्था आज की दुनिया के आध्यात्मिक, नैतिक और सामाजिक संकटों का समाधान खोजने का प्रयास करती है।
बीएपीएस को एक ऐसे आध्यात्मिक केंद्र के रूप में देखा जाता है, जो समाज, परिवारों और व्यक्तियों की देखभाल करके विश्व की देखभाल करने का प्रयास करता है। इसके 5025 से अधिक केंद्र विश्वभर में सक्रिय हैं और इसकी सेवाओं को कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। यह संस्था संयुक्त राष्ट्र से भी जुड़ी हुई है।
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था एक आध्यात्मिक, स्वयंसेवी-संचालित संस्था है जो आस्था, सेवा और वैश्विक सद्भाव के हिंदू मूल्यों को बढ़ावा देकर व्यक्तिगत विकास के माध्यम से समाज को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है। यहां के अनुयायी नियमित तौर पर पूजा और ध्यान से दिन की शुरुआत करते हैं, ईमानदार और सच्चा जीवन जीते हैं और नियमित रूप से दूसरों की सेवा में समय देते हैं।
--आईएएनएस
एएस/