आणंद, 1 नवंबर (आईएएनएस)। गुजरात में ‘एक कदम स्कूल की ओर’ पहल ने आणंद जिले में कई बच्चों की जिंदगी में दोबारा शिक्षा का उजाला भर दिया है। जिला विकास अधिकारी के नेतृत्व में शिक्षा विभाग द्वारा किए गए प्रयासों से बीच में ही पढ़ाई छोड़ देने वाले कई छात्र-छात्राओं को दोबारा कक्षाओं में पढ़ने का मौका मिला है।
दरअसल, आणंद जिले में साल 2024-25 के दौरान सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के लगभग 750 बच्चे ड्रॉपआउट हो गए थे। इन्हीं बच्चों को स्कूल वापस लाने के लिए जिले में अभियान चलाया गया।
आणंद जिला विकास अधिकारी देवहुति ने कहा कि स्कूल के ड्रॉपआउट बच्चों का डाटा हमने कलेक्ट किया। इसमें हमें पता चला कि प्राइमरी एजुकेशन में 2024-25 में 749 बच्चे आउट ऑफ स्कूल हैं। इन बच्चों को दोबारा जोड़ने के लिए हमने कारणों का पता लगाया। इसी के तहत हमने अभियान चलाया।
जिले के शिक्षा विभाग ने बीच में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों और उनके माता-पिता की काउंसिलिंग की। उनसे बच्चों के स्कूल छोड़ने की वजहों को जाना और उन्हें दोबारा स्कूल ज्वाइन करने के लिए प्रेरित किया।
जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी अर्चना प्रजापति ने कहा कि माता-पिता और बच्चों की काउंसिलिंग में कई बार ऐसा हुआ कि दो से तीन बार वहां जाना पड़ा। हमने अभियान का नाम 'एक कदम स्कूल' की ओर रखा था।
प्रशासन की कोशिशों से 252 ड्रापआउट स्कूली बच्चे फिर से क्लास में लौट आए हैं और अपने दोस्तों के बीच पहुंचकर बेहद खुश हैं।
छात्रा मानसी सोलंकी ने कहा कि स्कूल की अध्यापिका घर आई और माता-पिता से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने मम्मी और पापा को समझाया। इसके बाद मैं स्कूल आ पाई।
अक्सर देखने में आता है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। लेकिन, आणंद के प्रशासनिक और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस समस्या से निपटने के लिए सफल अभियान चलाकर मिसाल कायम की है। आणंद जिले में 'एक कदम स्कूल की ओर' अभियान की कामयाबी आज राज्य के दूसरे जिलों को भी प्रेरित कर रही है।
--आईएएनएस
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