गैंगस्टर अमन साव की मां की एफआईआर दर्ज न करने पर झारखंड हाईकोर्ट नाराज, कहा: कोई भी कानून के ऊपर नहीं

गैंगस्टर अमन साव की मां की एफआईआर दर्ज न करने पर झारखंड हाईकोर्ट नाराज, कहा: कोई भी कानून के ऊपर नहीं

रांची, 30 जुलाई (आईएएनएस)। कथित रूप से पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर अमन साव की मां किरण देवी की शिकायत पर एफआईआर रजिस्टर न करने पर झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने दो टूक कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, फिर चाहे वह पुलिस महानिदेशक ही क्यों न हो।

मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गैंगस्टर अमन साव की कथित मुठभेड़ में मौत की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।

कोर्ट ने पूछा कि जब किरण देवी की ओर से ऑनलाइन एफआईआर दी गई थी, तो उसे अब तक रजिस्टर क्यों नहीं किया गया? अदालत ने इस पर राज्य सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है। इसके अलावा प्रार्थी की ओर से दायर हस्तक्षेप याचिका (आईए) पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि राज्य सरकार इस मामले की सुनवाई में जान-बूझकर देरी कर रही है, जिससे महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रभावित हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर कॉल रिकॉर्ड से जुड़ी जानकारी सीमित समय में ही मोबाइल कंपनियों से प्राप्त की जा सकती है, लेकिन देर होने से ऐसे प्रमाण नष्ट हो सकते हैं।

अमन की मां किरण देवी ने याचिका में आरोप लगाया है कि 11 मार्च को पलामू में उनके बेटे का पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर कर दिया। उन्होंने कहा है कि उनके बेटे को रायपुर सेंट्रल जेल से रांची स्थित एनआईए कोर्ट में पेशी के लिए लाया जा रहा था, लेकिन बीच रास्ते में साजिश के तहत उसे मार दिया गया।

याचिका में बताया गया है कि पिछले वर्ष अक्टूबर में अमन को 75 पुलिसकर्मियों की टीम के साथ चाईबासा जेल से रायपुर स्थानांतरित किया गया था, लेकिन रायपुर से रांची लाने के दौरान केवल 12 सदस्यीय एटीएस टीम तैनात थी।

किरण देवी का कहना है कि उन्हें पहले से आशंका थी कि पुलिस उनके बेटे की हत्या की साजिश कर रही है और बाद में उसे एनकाउंटर का नाम दे देगी। इस मामले में याचिकाकर्ता ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, सीबीआई निदेशक, झारखंड गृह सचिव, डीजीपी, एसएसपी रांची और एटीएस के अधिकारियों को भी पक्षकार बनाया है और सीबीआई से निष्पक्ष जांच की मांग की है।

अदालत ने अगली सुनवाई में राज्य सरकार से विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है।

--आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम