नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली में चल रहे 44वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (ट्रेड फेयर) में इस बार हॉल नंबर 8, 9 और 10 में लगा सरस पवेलियन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। वजह है देश के अलग-अलग राज्यों से आई लखपति दीदियां, जो अपनी मेहनत और हुनर के दम पर आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।
सरस पवेलियन में लगभग 150 स्टॉलों पर करीब 300 लखपति दीदियां अपने-अपने राज्यों के यूनिक प्रोडक्ट लेकर पहुंची हैं। पवेलियन की सबसे खास बात यह है कि यहां हर जगह महिलाओं का ही नेतृत्व नजर आता है। यह दृश्य देश में बदलते महिला सशक्तिकरण की एक नई तस्वीर पेश करता है।
भारत के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए लोगों के स्टॉल यहां लगे हैं। छोटे से सरस पवेलियन में पूरा 'लघु भारत' देखने को मिल रहा है, जहां हर राज्य की संस्कृति, कला और परंपराओं की झलक दिखाई दे रही है।
मेघालय से आईं अलीशा ने बताया कि लखपति दीदी योजना ने उन्हें बहुत आगे बढ़ने का मौका दिया है। वह अपने हैंडिक्राफ्ट प्रोडक्ट्स बेचने यहां आई हैं।
गुजरात की निर्मला बेन ने कहा कि सरस मेला उनके लिए एक बड़ा अवसर बनकर आया है। उन्होंने हंसते हुए कहा कि लखपति तो बन गए। अब तो करोड़पति दीदी बनने की तैयारी है।
नगालैंड की प्रतिनिधि मिसपी सलहा ने बताया कि उनके पास प्रोडक्ट्स बनाने की कला तो थी, लेकिन बाजार तक पहुंच नहीं थी।
उन्होंने कहा कि हम बनाते तो बहुत कुछ हैं पर बेचने के लिए सही लिंक नहीं मिलते। यहां आकर पता चला कि हमारे प्रोडक्ट्स की कितनी डिमांड है।
असम से आई लखपति दीदी और स्टॉल ओनर मोनीला अपने हैंडलूम प्रोडक्ट्स लेकर पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि यह मौका हमें ही नहीं, बल्कि हमारी पूरी टीम को फायदा देगा। इस तरह के आयोजन से हमें अपने हुनर को राष्ट्रीय स्तर पर दिखाने का मौका मिलता है।
मेले में आई बबीता भंडारी ने बताया कि सरस पवेलियन में सब कुछ बहुत व्यवस्थित है। उन्होंने कहा कि यहां हर चीज ऑर्गनाइज्ड तरीके से लगी है। दीदियों का उत्साह देखकर बहुत अच्छा लगा।
--आईएएनएस
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