रांची, 7 सितंबर (आईएएनएस)। चंद्र ग्रहण हमारे जीवन पर आध्यात्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव डालता है। ग्रहण का समय उन लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जिनकी कुंडली में चंद्रमा दोष मौजूद है। चंद्रमा को ज्योतिष में मन, भावना और मानसिक स्थिरता का कारक माना गया है। जब चंद्रमा कमजोर हो या पाप ग्रहों से पीड़ित हो, तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, अस्थिरता, नींद की समस्या और पारिवारिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में चंद्र ग्रहण इस दोष से राहत पाने का एक बड़ा अवसर बन सकता है।
रांची के बड़ा हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी श्यामानंद पांडे ने चंद्र ग्रहण से जुड़ी सावधानियों और धार्मिक नियमों की जानकारी देते हुए बताया कि ग्रहण के समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
उन्होंने कहा कि सूतक काल शुरू होने से पहले भोजन कर लेना चाहिए। हालांकि, वृद्ध और बीमार लोगों को शास्त्रों के अनुसार साढ़े छह बजे तक भोजन करने की छूट मिलती है। उन्होंने विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को चेताया कि चंद्र ग्रहण के समय उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि यह समय संवेदनशील होता है।
पुजारी ने आगे कहा कि ग्रहण का प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग पड़ता है। किसी पर इसका असर सकारात्मक हो सकता है, तो किसी पर नकारात्मक हो सकता है, लेकिन भगवान के मंत्रों का जाप किया जाए, तो इसका नकारात्मक असर कम हो सकता है।
उन्होंने कहा कि साधु-संत इस समय का इंतजार करते हैं, क्योंकि ग्रहण के दौरान की गई पूजा, ध्यान और हवन का विशेष फल मिलता है। यही वजह है कि ग्रहण काल को एक आध्यात्मिक साधना का समय माना जाता है। इस दौरान भगवान की मूर्तियों और तस्वीरों को छूना वर्जित होता है, क्योंकि वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है।
उन्होंने आगे बताया कि अगर किसी की कुंडली में चंद्रमा दोष हो, तो इस दौरान सफेद चीजों का दान करना बेहद लाभकारी होता है। इसमें चावल, चीनी, दूध, दही और चांदी जैसी वस्तुएं शामिल हैं। ये वस्तुएं पहले से निकालकर रख लेनी चाहिए और ग्रहण खत्म होने के बाद दान कर देनी चाहिए। इससे चंद्र दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
पुजारी श्यामानंद पांडे के अनुसार, चंद्र ग्रहण भले ही कुछ घंटे का होता है, लेकिन इसके असर लंबे समय तक रह सकते हैं। इसलिए अगर किसी की कुंडली में चंद्र दोष हो, तो यह समय उसे दूर करने का एक अनोखा अवसर भी हो सकता है। भगवान के नाम का स्मरण, मंत्र जाप, दान और संयम ही इस समय को शुभ बना सकते हैं।
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