पटना, 8 जून (आईएएनएस)। बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (सीईओ) शशांक शेखर सिंह ने शनिवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए बिहार में आयुष्मान भारत योजना की सफलता के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत करीब 500 और अस्पतालों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के सीईओ शशांक शेखर सिंह ने बताया, "प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत की योजना है। इसके तहत हम काफी बड़ी संख्या में लोगों को लाभ दे रहे हैं। पहले हमने नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया था। पता चला कि 58 लाख परिवार अभी भी वंचित हैं। फिर राज्य सरकार ने अपने संसाधन से मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना संचालित की। आज के समय में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और प्रदेश की योजना एक ही पोर्टल पर साथ-साथ चल रही हैं। सभी राशन कार्डधारी इस योजना के साथ हैं। साल 2024 में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा।"
उन्होंने बताया, "पहले जहां मात्र 80 लाख कार्ड थे, आज लगभग चार करोड़ के आसपास होने वाले हैं। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। अभी तक 2,020 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जिसमें 1,010 करोड़ रुपए सिर्फ 2024 में खर्च हुए हैं। इससे समझा जा सकता है कि इस योजना का कितना बड़ा कार्य हो चुका है। इसका जमीनी स्तर पर बहुत फायदा दिख रहा है। पहले गंभीर बीमारी होने पर लोग डर जाते थे। कहां इलाज कराया जाए और कैसे पैसे का इंतजाम होगा, इससे परेशान होते थे। लेकिन केंद्र सरकार के स्वास्थ्य योजना से जुड़ी यह बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है।"
शशांक शेखर सिंह ने बताया, "हमने आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए कई विशेष अभियान चलाए। राशन कार्ड धारक लोग इसके लाभार्थी हैं। पीडीएस शॉप के जरिए कैंप लगाए गए, जो बहुत ही सफल रहा। इस बार हमने कार्ड बनाने के लिए विंडो दिए। इसके तहत पंचायत कार्यालयों, आशा कार्यकर्ताओं और जीविका दीदी को इसका लॉगिन दिया गया। कई डिजिटल काउंटर बनाने का काम किया गया, जिसका रिजल्ट काफी अच्छा रहा। सौ प्रतिशत परिवार को इसमें कवर किया गया है, लेकिन अभी परिवार के बुजुर्ग आयुष्मान कार्ड बनवा रहे हैं लेकिन युवा नहीं कर रहे, जिसको लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। परिवार के सभी सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बनना अनिवार्य है। बिहार में करीब 585 निजी अस्पताल हैं और करीब इतने ही सरकारी अस्पताल भी हैं। इस साल हमारा लक्ष्य है कि करीब 500 और अस्पतालों को जोड़ा जाए।"
--आईएएनएस
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