अयोध्या, 23 नवंबर (आईएएनएस)। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में 25 नवंबर को होने वाली ध्वजारोहण तैयारियों के बीच ध्वजारोहण के अवसर पर पूजा करा रहे आचार्यों और धार्मिक विद्वानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की सराहना की। उनका कहना है कि आज जो भव्य–दिव्य अयोध्या दुनिया के सामने दिख रही है, वह पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प और संपूर्ण समर्पण का परिणाम है।
मंदिर में हो रहे धार्मिक अनुष्ठान के लिए आए गुजरात की विश्वनाथ वेदपाठशाला में प्राचार्य विजय महेश पाठक ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने सनातन धर्म को पुनर्जीवित किया। मैं प्रधानमंत्री मोदी का आभारी हूं। 2014 के बाद उन्होंने सनातन धर्म का जागरण किया। हजारों वर्षों की तपस्या और लाखों लोगों के बलिदान के बाद भी जो राम मंदिर नहीं बन सका, पीएम मोदी के नेतृत्व में वह संभव हुआ। आज विश्व में भारत की आवाज गूंज रही है। विदेशी राष्ट्र भी पीएम मोदी के नेतृत्व को मान रहे हैं। पीएम मोदी का वेद संरक्षण, तीर्थ विकास, और वेद विद्यालयों की स्थापना में योगदान अतुलनीय है। उनके कार्यों को शब्दों में पूरा नहीं कहा जा सकता।"
वहीं, आचार्य सागर राजेंद्र शर्मा ने कहा अयोध्या का दिव्य स्वरूप पीएम मोदी की देन है। 10 वर्ष पहले की अयोध्या की स्थिति बेहद दयनीय थी। यहां पर सड़कें खराब और मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से श्रद्धालुओं के लिए कठिनाई पैदा होती थी। आज जो दिव्य–भव्य अयोध्या दिख रही है, यह पूरा श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है। पीएम मोदी ने शिलान्यास से लेकर भूमि पूजन और प्राण प्रतिष्ठा से लेकर ध्वजारोहण तक सभी नियमों और आचारों का पालन किया। उन्होंने 11 दिन कठिन उपवास कर भगवान श्रीराम को समर्पित भाव से प्राण प्रतिष्ठा की। आज तक कोई ऐसा प्रधानमंत्री नहीं रहा जिसने वेद, गौ-संरक्षण और सनातन संस्कृति के लिए इतना कार्य किया हो।
डॉ. गजानन ज्योतकर महाराज ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी एक योगी पुरुष हैं। उन्होंने संघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से अपनी यात्रा शुरू की। जब किसी को विश्वास नहीं था कि मंदिर बनेगा या नहीं, तब उन्होंने संकल्प लेकर कहा, 'मंदिर वहीं बनाएंगे।' आज उनका वह संकल्प साकार हो गया है। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अयोध्या को धर्मनगरी से वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र तक पहुंचा दिया। वाराणसी से अयोध्या को वंदे भारत ट्रेन से जोड़ना, आधुनिक सड़कें, एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज, और टेक्नोलॉजी, ये सब उनकी दूरदृष्टि का परिणाम है। 74 एकड़ में बना राम मंदिर और पूरी अयोध्या का विकास यह पीएम मोदी की दृढ़ इच्छा शक्ति और रामभक्ति का फल है।"
उल्लेखनीय है कि अयोध्या 25 नवंबर के ऐतिहासिक समारोह के लिए तैयार है; अब सभी की निगाहें श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा होने जा रहे ध्वजारोहण पर हैं।
--आईएएनएस
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