अमरेली, 15 नवंबर (आईएएनएस)। गुजरात के अमरेली जिले स्थित लाठी तालुका का दुधाला गांव आज पूरे इलाके में एक मिसाल बन चुका है। करीब 2 हजार से ज्यादा आबादी और 400 से अधिक घरों वाले इस गांव ने खुद को पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलने वाला गांव बना लिया है। दुधाला के हर घर की छत पर सोलर सिस्टम लगा हुआ है और इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि गांव के लोगों का पिछले तीन सालों से बिजली का बिल शून्य आ रहा है।
गांव के लोगों का कहना है कि पहले उन्हें हर महीने 1000 से 1500 रुपए तक बिजली बिल देना पड़ता था। महंगे बिल के डर से कई लोग जरूरत होने पर भी पंखा, लाइट या फ्रिज का इस्तेमाल कम करते थे, लेकिन जब से हर घर पर सोलर सिस्टम लगाया गया है, तब से लोग बिना झिझक अपने सभी बिजली के उपकरण चला रहे हैं और फिर भी एक रुपए का भी बिल नहीं आता है।
दुधाला में ये सारा बदलाव तब आया जब सूरत के उद्योगपति गोविंदभाई ढोलकिया ने अपने खर्च पर पूरे गांव में सोलर सिस्टम लगवाया। इससे हर घर को अलग-अलग क्षमता का व्यक्तिगत सोलर सिस्टम मिला। गांव के लोग बताते हैं कि सोलर सिस्टम लगने के बाद से न सिर्फ बिजली का बिल खत्म हो गया, बल्कि घर की जरूरतों के हिसाब से बिजली पूरे दिन आराम से मिल जाती है।
गांव के निवासी जयराज बराड़ बताते हैं कि उन्होंने अपने घर में 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगवाया है और पिछले तीन सालों में एक भी बार बिजली बिल नहीं आया। इतना ही नहीं, जहां कहीं थोड़ी बहुत बिजली की खपत होती भी है, उसका हिसाब सीधे पीजीवीसीएल में जमा हो जाता है। गांव के लोग अब पूरी तरह बेफिक्र होकर बिजली का इस्तेमाल कर सकते हैं।
स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि अगर सरकार की दी जाने वाली सब्सिडी का पूरा फायदा उठाया जाए तो हर गांव को दुधाला की तरह सोलर गांव बनाया जा सकता है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की बचत भी होगी और लोगों पर आर्थिक बोझ भी कम पड़ेगा।
दुधाला अमरेली जिले का पहला ऐसा गांव बन गया है, जहां पूरा क्षेत्र सौर ऊर्जा पर निर्भर है। आज दुधाला की पहचान एक मॉडल सोलर गांव के रूप में हो चुकी है।
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