नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने शनिवार को केंद्र के डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) नियम, 2025 को अधिसूचित करने के कदम का स्वागत किया।
इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय की ओर से डीपीडीपी नियम, 2025 को अधिसूचित करने के साथ यह साफ कहा गया है कि संगठनों को पर्सनल डेटा इस्तेमाल करने को लेकर एक सहमति नोटिस के साथ यह स्पष्ट करना होगा कि पर्सनल डेटा क्यों कलेक्ट किया जा रहा है और इसका इस्तेमाल किस कार्य के लिए किया जाएगा। संगठनों को पर्सनल डेटा को लेकर स्पेसिफिक उद्देश्य की जानकारी देनी जरूरी होगी।
विप्रो की चीफ प्राइवेसी और एआई गवर्नेंस ऑफिसर इवाना बार्टोलेटी ने कहा, "इस बात में कोई संशय नहीं है कि भारत प्राइवेसी के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। एआई के इस युग में विश्वास बेहद महत्वपूर्ण है। एआई क्योंकि डेटा के एक बड़ी मात्रा पर निर्भर करता है इसलिए मजबूत प्राइवेसी प्रोटेक्शन सबसे पहले आना चाहिए। सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत बनाने में बेहद महत्वपूर्ण है। साथ ही, सरकार का यह कदम भारत के हाल ही के एआई गवर्नेंस गाइडलाइन्स से भी जुड़ा है।"
उन्होंने आगे कहा कि नए नियम मजबूत डेटा गवर्नेंस के साथ आते हैं, जो कि जिम्मेदारियों को साफ शब्दों में बयां करते हैं और स्ट्रक्चर, सहमति और प्राइवेसी को परिभाषित करते हैं। इन नियमों के साथ संगठनों को सस्टेनेबल और अकाउंटेबल बनने के साथ आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
ट्राइलीगल में टीएमटी-पार्टनर निखिल नरेंद्रन ने कहा, "नियमों और अधिनियम की सूचना के साथ सरकार ने अनिश्चितताओं को दूर कर दिया है।"
उन्होंने आगे कहा, "भारतीय कंपनियों के पास अब अब पूर्ण अनुपालन के लिए 18 महीनों का समय है। अधिकतर संगठनों के लिए यह बेहद जरूरी होने वाला है कि वे डेटा मैपिंग, सहमति और नोटिस फ्लो रिडिजाइन, ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ काम की शुरुआत करें। इस काम के लिए इन संगठनों को वकीलों, टेक्नोलॉजिस्ट और प्राइवेसी प्रोफेशनल्स की मदद की जरूरत होगी। हालांकि, अभी नए डेटा प्रोटेक्शन ऑथोरिटी के गठन पर फिलहाल रियल फोकस होगा। यह देखना होगा कि ऑथोरिटी इन नियमों की व्याख्या किस प्रकार करती है।"
ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और चीफ रेवेन्यू ऑफिसर जसप्रीत सिंह ने कहा कि डीपीडीपीए नियम 2025 भारत के पॉलिसी इंटेंट से ऑपरेशनल अकाउंटिबिलिटी और प्राइवेसी में बदलाव को दिखाते हैं।
सिंह ने आगे कहा, "डीपीडीपीए के तहत अनुपालन चेकलिस्ट नहीं है, बल्कि यह तो एक ट्रस्ट का कल्चर है, जिसे अब हर कंपनी को संस्थागत बनाना होगा।"
--आईएएनएस
एसकेटी/