भागलपुर में जन औषधि केंद्रों का कमाल, गरीबों के लिए वरदान, 1000 की दवा 200 में

भागलपुर में जन औषधि केंद्रों का कमाल, गरीबों के लिए वरदान, 1000 की दवा 200 में

भागलपुर, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार के भागलपुर जिले में अब तक कुल 16 प्रखंडों में 2 दर्जन से ज्यादा प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र संचालित हैं, जो सरकार की एक प्रमुख जनहित योजना का हिस्सा हैं। इन केंद्रों के जरिए गरीब और जरूरतमंद लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं।

भागलपुर के जेएलएन अस्पताल, मायागंज और सदर अस्पताल भागलपुर के कैम्पस में स्थित प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों में इन दिनों भीड़ बढ़ती जा रही है, जो इस बात का प्रमाण है कि यह योजना जनता के लिए कितनी फायदेमंद साबित हो रही है।

पूर्णिया के रहने वाले सूरज कुमार ने गुरुवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए बताया कि वह अपने पिता के इलाज के लिए 100 किलोमीटर दूर भागलपुर आए हैं। सूरज ने कहा कि मार्केट में दवाइयां बहुत महंगी मिलती हैं, जबकि यहां पर काफी कम कीमतों पर दवाइयां उपलब्ध हैं। अगर बाजार में दवाइयों की कीमत हजार रुपये होती है, तो यहां वही दवाइयां 200 रुपये में मिल जाती हैं। इससे हमें बहुत फायदा मिलता है और इसके लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हैं।

भागलपुर के नाथनगर क्षेत्र से दवाइयां खरीदने पहुंचे दिलीप भगत ने आईएएनएस को बताया कि वह पिछले तीन सालों से पीएम भारतीय जन औषधि केंद्र से दवाइयां ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना बहुत ही अच्छी है। मैं पिछले तीन सालों से यहां से दवाइयां ले रहा हूं और मुझे लगता है कि यहां की दवाइयां बाजार की दवाइयों से कहीं ज्यादा प्रभावी हैं। इसके साथ-साथ कीमत भी बहुत कम है।

दिलीप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि इस योजना का लाभ हर गांव, कस्बा और शहर में हर जगह हो। अगर ऐसा हो तो गरीब लोगों को बहुत राहत मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह विश्वास के साथ कह सकते हैं कि भविष्य में इस योजना का परिणाम और बेहतर होगा।

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र योजना का उद्देश्य गरीब और महंगी दवाइयों से प्रभावित लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराना है। इस योजना ने न केवल लोगों को सस्ती दवाइयां दी हैं, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक सकारात्मक बदलाव का अनुभव भी कराया है। भागलपुर के विभिन्न हिस्सों में इसका असर साफ दिखाई दे रहा है और लोगों के बीच इसे लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

बता दें कि सितंबर 2015 में ' जन औषधि योजना ' को ' प्रधानमंत्री जन औषधि योजना ' (पीएमजेएवाई) के रूप में नया रूप दिया गया। नवंबर, 2016 में, योजना को और अधिक गति देने के लिए, इसे फिर से " प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना " (पीएमबीजेपी) नाम दिया गया है।

--आईएएनएस

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