मोतिहारी, 25 मई (आईएएनएस)। देश में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण' योजना (पीएमएफएमई) लागू की है। योजना का लाभ उठाकर मोतिहारी के दो भाइयों ने कुरकुरे की फैक्ट्री शुरू कर दी है और कमाई के साथ-साथ रोजगार सृजन भी कर रहे हैं।
'प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण' उन युवाओं के लिए है जो छोटे शहरों में शिक्षा पूरी करने के बाद रोजगार की तलाश में बड़े शहरों की ओर पलायन करते हैं। अगर ऐसे युवा फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाते हैं, तो उन्हें इस योजना के तहत लोन और सब्सिडी मिलती है। इस योजना का लाभ मोतिहारी के दो युवाओं ने उठाया है और न सिर्फ अपने भविष्य को संवार रहे हैं, बल्कि कभी खुद रोजगार की तलाश कर रहे ये युवा अब दूसरों को रोजगार दे रहे हैं।
विजय और संजय जायसवाल ने इस योजना के माध्यम से लोन लेकर कुरकुरे की फैक्ट्री लगाई है। दोनों भाई कड़ी मेहनत कर रहे हैं और इसका परिणाम यह है कि अब फैक्ट्री से कुरकुरे का निर्यात हो रहा है। जायसवाल बंधुओं ने अपनी फैक्ट्री में दर्जनों युवाओं को रोजगार दिया है।
फैक्ट्री के संचालक और छोटे भाई संजय जायसवाल ने बताया, "मैं इंटर की पढ़ाई करने के बाद महानगरों में काम ढूंढने निकल गया था, लेकिन कहीं भी काम नहीं मिला। इसके बाद मुझे सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना की जानकारी मिली। मैंने इस योजना को अच्छे से समझा और फिर कुरकुरे की फैक्ट्री लगाने का मन बनाया। 'पीएमएफएमई' योजना के तहत लोन स्वीकृत हो गया। हम दोनों भाइयों ने मिलकर फैक्ट्री लगा दी और आज नतीजा आपके सामने है। हमारा काम अच्छा चल रहा है।"
बड़े भाई विजय जायसवाल ने कहा, "इस प्लांट को लगाने की योजना हमने छह-सात महीने पहले शुरू की थी। एक साधारण परिवार के लिए प्लांट में लगने वाली पूंजी को जुटाना आसान नहीं था। हमने पीएमएफएमई योजना के तहत 10 लाख 88 हजार रुपए के लोन के लिए अप्लाई किया, जो स्वीकृत हो गया। हम अच्छी तरह प्लांट को चला रहे हैं। मैं युवाओं से इतना ही कहूंगा कि नौकरी के पीछे समय नष्ट न करें और व्यवसाय से जुड़ें। कोई भी व्यवसाय खराब नहीं होता और छोटे से बड़ा बनता है। इस योजना के लिए हम प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हैं।"
फैक्ट्री में कार्यरत संजय कुमार ने कहा, "पहले दिल्ली में यही काम करता था, लेकिन अब मोतिहारी में कर रहा हूं। इसका फायदा यह है कि महीने दो महीने में छुट्टी लेकर अपने घर सहरसा चला जाता हूं। हम प्रधानमंत्री से आग्रह करते हैं कि ऐसे ही छोटे-छोटे लोन देते रहें। यह बिहार के भविष्य के लिए काफी अहम साबित होगा।"
--आईएएनएस
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