'चुनावी जनादेश पर सवाल से लेकर पश्चिमी दखल तक', थिंक टैंक सीईओ ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

'चुनावी जनादेश पर सवाल से लेकर पश्चिमी दखल तक', थिंक टैंक सीईओ ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से ठीक पहले विदेश से आने वाले नेताओं को विपक्ष के नेता राहुल गांधी से न मिलने देने के कांग्रेस के आरोपों के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों पर गुरुवार को ब्लूकाफ्ट डिजिटल फाउंडेशन के सीईओ अखिलेश मिश्रा ने कड़ा जवाब दिया।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि केंद्र की मोदी सरकार और विदेश मंत्रालय विदेशी प्रतिनिधियों की विपक्ष नेता से मुलाकात की “लंबे समय से चली आ रही परंपरा” का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इसे सरकार की “असुरक्षा” की निशानी बताया था। वेणुगोपाल ने भी इसी आरोप को आगे बढ़ाते हुए कहा था कि ऐसी मुलाकातें भारत की लोकतांत्रिक और कूटनीतिक संस्कृति का एक अहम हिस्सा हैं, लेकिन सरकार “सिर्फ अपनी मन की बात बोलना चाहती है।”

इस पर तीखे पलटवार में अखिलेश मिश्रा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस परंपराओं की बात कर रही है, तो उसे उन “कई परंपराओं” का भी जवाब देना चाहिए जिन्हें उसने वर्षों से कमजोर किया है।

मिश्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेतृत्व ने चुनावी जनादेश पर सवाल उठाकर एक ऐसी परंपरा को तोड़ा है जिसे अब तक कोई राष्ट्रीय पार्टी नहीं तोड़ी थी। उन्होंने कहा कि “इलेक्शन डिनायलिज्म” कांग्रेस की राजनीति का केंद्रीय हिस्सा बन गया है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान के साथ तनाव के समय कांग्रेस नेताओं ने भारतीय सशस्त्र बलों और सैन्य नेतृत्व की विश्वसनीयता पर संदेह जताया, जिसे उन्होंने “राष्ट्रीय परंपरा के गंभीर उल्लंघन” के रूप में बताया।

इसके साथ ही मिश्रा ने राहुल गांधी पर पश्चिमी सरकारों से भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की अपील करने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने स्थापित कूटनीतिक मानकों का और भी बड़ा उल्लंघन बताया।

मिश्रा ने दावा किया कि आतंकवाद के मुद्दे पर राष्ट्रीय सहमति को भी कांग्रेस ने कमजोर किया है और पार्टी के नेताओं ने पाकिस्तान से जुड़े चरमपंथी तत्वों का बचाव किया है।

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक संस्थानों तक के खिलाफ “आक्रामक और अपमानजनक राजनीति” अपनाकर भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को कमजोर किया है।

मिश्रा ने कहा, “केसी वेणुगोपाल जी, आप हर दूसरी परखी हुई परंपरा को तोड़ सकते हैं, लेकिन कुछ चुनिंदा परंपराओं के पालन की मांग अपनी सुविधानुसार नहीं कर सकते। राहुल गांधी को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपनी जगह अर्जित करनी होगी। उन्होंने उसे पाने के लिए कुछ नहीं किया है, बल्कि उससे दूर रहने का हर कारण खुद पैदा किया है।”

--आईएएनएस

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