IANS Exclusive: गोवा: लेखक और दार्शनिक आचार्य प्रशांत ने IANS से बातचीत करते हुए कहा कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 16 को जन्माष्टमी का निकट होना एक गहरा संदेश देता है। 15 अगस्त को तिरंगा फहराया गया और 16 अगस्त को भगवद् गीता के माध्यम से भगवान कृष्ण ने हमें आंतरिक उत्पीड़न से मुक्ति का मार्ग दिखाया। बाहरी स्वतंत्रता तभी सार्थक है जब व्यक्ति आंतरिक रूप से स्वतंत्र हो वरना वह स्वतंत्रता आत्म-बंधन को और गहरा कर सकती है। अगर कोई व्यक्ति आंतरिक रूप से स्वतंत्र नहीं है तो उसे बाहरी स्वतंत्रता देना और भी खतरनाक हो सकता है। उन्हें मिलने वाली बाहरी स्वतंत्रता का इस्तेमाल वे खुद को और भी ज़्यादा आंतरिक रूप से जकड़े रखने के लिए कर सकते हैं।
स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी: आचार्य प्रशांत का भारतवासियों के लिए विशेष संदेश
Updated: August 15, 2025 5:45 PM