बैंकॉक, 28 नवंबर (आईएएनएस)। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में प्रकृति का प्रकोप देखने को मिल रहा है। एक तरफ श्रीलंका में तूफान दितवाह ने भारी तबाही मचाई है, तो दूसरी ओर थाईलैंड में भी भीषण बाढ़ और भूस्खलन का प्रकोप देखने को मिला है। थाईलैंड में कुदरत के कहर ने कई जिंदगी को निगल लिया।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की ओर से साझा जानकारी के अनुसार, अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि दक्षिणी थाईलैंड में आई भयंकर बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 145 हो गई है।
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, सरकारी प्रवक्ता सिरिपोंग अंगकासाकुलकियात ने कहा कि दक्षिणी इलाके में कुल 145 मौतें हुई हैं, जिसमें सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांत सोंगखला में सबसे ज्यादा 110 मौतें हुई हैं।
इससे पहले सिन्हुआ ने जानकारी दी थी कि सोंगखला प्रांत में मरने वालों की संख्या 55 हो गई है। अधिकारियों ने गुरुवार को चेतावनी दी थी कि जैसे-जैसे बचाव अभियान आगे बढ़ेगा, ये संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
सरकारी प्रवक्ता सिरिपोंग ने कहा कि गुरुवार तक सोंगक्लानागरिंद अस्पताल से मिले आंकड़ों के अनुसार प्रांत में कुल 85 मौतें हुई हैं, जिनमें से 55 मौतें सीधे बाढ़ की वजह से हुईं और बाकी 30 मौतें संकट के दौरान हुईं, लेकिन दूसरे कारणों से हुईं।
प्रवक्ता ने कहा कि गुरुवार शाम तक पानी का स्तर नदी के किनारों से नीचे जाने की उम्मीद है। पानी का स्तर अगर नीचे जाता है तो इससे बचाव कार्यों में आसानी होगी और सरकार बड़े पैमाने पर सफाई अभियान शुरू कर सकेगी।
इससे पहले दक्षिणी इलाके में आई बाढ़ की वजह से हालात को देखते हुए थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने मंगलवार को सोंगखला प्रांत में इमरजेंसी की घोषणा की थी।
बहुत ज्यादा बारिश और बाढ़ से निपटने के लिए बचाव कार्यों के लिए रेस्क्यू टीमों के बीच तालमेल बिठाने के लिए एक खास कमांड सेंटर बनाया गया। बाढ़ से ना केवल संपत्तियों का बहुत ज्यादा नुकसान हुआ, बल्कि यह लोगों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।
डिपार्टमेंट ऑफ डिजास्टर प्रिवेंशन एंड मिटिगेशन के अनुसार, मानसून से आई बाढ़ ने थाईलैंड के दक्षिणी इलाके के नौ प्रांतों पर असर डाला है। इसकी वजह से लगभग 2.20 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं।
--आईएएनएस
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