नई दिल्ली, 6 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार के सीतामढ़ी जिले में स्थित सुरसंड विधानसभा क्षेत्र 243 विधानसभा सीटों में से एक महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र है। इस सीट पर जदयू का दबदबा रहा है, इस सीट पर बीते तीन विधानसभा चुनाव में जदयू के उम्मीदवार ने दो बार जीत हासिल की है।
2020 में इस सीट पर नीतीश कुमार की पार्टी ने एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। हालांकि, 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और इस सीट से राजद के उम्मीदवार को जीत नसीब हुई।
2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने राजद के उम्मीदवार को हराया। हार और जीत का अंतर बहुत कम वोटों का रहा था।
इस सीट पर जदयू का दबदबा शुरू से ही रहा है। पूर्व में हुए यह तीन चुनाव इस बात का सटीक उदाहरण हैं। आगामी विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक हैं। ऐसे में यह सीट एक बार फिर चर्चा में है। जदयू जहां इस सीट पर जीत की लय बरकरार रखना चाहेगी। वहीं राजद इस सीट को जीतने में एक अच्छे उम्मीदवार को उतार सकती है जो जनता के नब्ज को समझ सके।
सुरसंड विधानसभा ग्रामीण और कृषि-प्रधान क्षेत्र है, जो अपनी सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों और विविध जनसंख्या के लिए जाना जाता है। इस विधानसभा में सड़कों, बिजली और स्वच्छ पानी की आपूर्ति में कमी प्रमुख समस्या है। ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी और परिवहन सुविधाएं अपर्याप्त हैं। इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सीमित हैं, जिसके कारण पलायन एक बड़ी समस्या है।
बेरोजगारी के कारण कई लोग दिल्ली, मुंबई और अन्य बड़े शहरों में काम करने जाते हैं और वहां से अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
सुरसंड बाढ़-प्रवण क्षेत्र में आता है और अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर हैं। सिंचाई सुविधाओं की कमी के कारण किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यहां के किसान धान, गेहूं, मक्का, गन्ना और दालों की खेती करते हैं। कुछ लोग सब्जी और फल उत्पादन में भी लगे हैं।
सुरसंड विधानसभा की कुल आबादी 570103 है। पुरुषों की संख्या 296617 है। महिलाओं की संख्या 273486 है।
चुनाव आयोग के 1 जनवरी 2024 के डाटा के अनुसार, इस विधानसभा में कुल मतदाता 327651 हैं, जिसमें पुरुष मतदाता 172956, महिला मतदाता 154685 और 10 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।
--आईएएनएस
डीकेएम/डीएससी