सुभाष घई की पसंदीदा फिल्म है 'ब्लैक एंड व्हाइट', निर्देशक ने बताई मजेदार वजह

Shubhash ghai, Black and white film

मुंबई, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। फिल्म निर्माता-निर्देशक सुभाष घई ने अपनी साल 2008 की फिल्म 'ब्लैक एंड व्हाइट' को लेकर दिल की बात कही है। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उन्होंने फिल्म को अपनी पसंदीदा बताया। सुभाष घई ने मजेदार अंदाज में बताया कि यह फिल्म उनकी पसंदीदा क्यों है?

सुभाष घई ने हल्के-फुल्के अंदाज में खुलासा किया कि यह फिल्म उनकी पसंदीदा इसलिए है क्योंकि यह उनकी पारंपरिक 'सुभाष घई स्टाइल' वाली फिल्म नहीं है। उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा कि रिलीज के समय आम दर्शकों को यही लगा, वहीं काफी लोगों को इसका कंटेंट बेहद पसंद आया। कई बड़े निर्देशकों ने फोन कर तारीफ की, जो उनके लिए बड़ी उपलब्धि थी।

सुभाष घई ने पोस्ट में लिखा, "यह सुभाष घई टाइप की फिल्म नहीं है। फिल्म रिलीज के समय मास ऑडियंस का पहला रिएक्शन यही था कि यह सुभाष घई की सामान्य फिल्मों जैसी नहीं लग रही। हालांकि, क्लास ऑडियंस को फिल्म और उसका कंटेंट बहुत पसंद आया, क्योंकि यह साल 2008 में बनी एक रियल लाइफ पर आधारित फिल्म थी।"

घई ने याद करते हुए कहा कि रिलीज के बाद कई डायरेक्टर्स के फोन आए, जिन्होंने फिल्म की तारीफ की थी, जो उनके लिए बड़ी बात है। उन्होंने आगे लिखा, "फिल्म रिलीज होने पर मुझे टॉप डायरेक्टर्स के फोन आए, जिन्होंने फिल्म की तारीफ की। यह सच में एक बहुत बड़ी तारीफ थी। यह फिल्म अभी भी मेरी पसंदीदा है क्योंकि 'यह सुभाष घई की फिल्म नहीं है', प्लीज इसे टीवी पर जरूर देखें।"

'ब्लैक एंड व्हाइट' साल 2008 में रिलीज हुई क्राइम-थ्रिलर है, जिसका निर्देशन और सह-निर्माण सुभाष घई ने किया है। फिल्म की मुख्य भूमिकाओं में अनिल कपूर, अनुराग सिन्हा, शेफाली शाह और अदिति शर्मा हैं।

फिल्म दिल्ली की चांदनी चौक और पुरानी दिल्ली की पृष्ठभूमि पर बनी है। कहानी एक अफगानी हमलावर नुमैर काजी (अनुराग सिन्हा) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो गुजरात दंगों का शिकार बताकर दिल्ली में एक प्रोफेसर राजन माथुर (अनिल कपूर) के घर में रहने लगता है। असल में वह 15 अगस्त को लाल किले पर बड़ा हमला करने की योजना बना रहा होता है। प्रोफेसर की पत्नी रोमा माथुर का किरदार शेफाली शाह ने निभाया है।

आतंकवाद, सांप्रदायिक सद्भाव और मानवीय बदलाव जैसे गंभीर मुद्दों पर आधारित सुभाष घई की इस फिल्म को मिक्स्ड रिव्यूज मिले थे। कुछ ने इसे घई की बेहतरीन फिल्म, तो कुछ ने कमजोर स्क्रिप्ट बताते हुए आलोचना की थी।

--आईएएनएस

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