नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। साल 2025 अब खत्म होने की ओर अग्रसर है। साल के अंत में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के विदेश दौरे पर हैं। राजनीतिक दृष्टिकोण से भारत के लिए ये साल बेहद खास रहा। पीएम मोदी ने भारत को एक अलग मुकाम पर पहुंचा दिया। विश्वपटल पर पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। इस साल पीएम मोदी ने कई देशों का दौरा किया, जहां उन्हें संसद में बोलने का मौका भी मिला।
पीएम मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने न केवल सबसे ज्यादा देशों का सर्वोच्च सम्मान हासिल किया है, बल्कि वह पहले पीएम हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा बार दूसरे देशों में संसद को संबोधित किया है। पीएम मोदी ने इस साल 2025 में इथियोपिया, नामीबिया, त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य, और घाना में संसद को संबोधित किया।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अब तक के कार्यकाल की बात करें तो उन्होंने कुल मिलाकर 18 बार दूसरे देशों में संसद को संबोधित किया है। अमेरिकी कांग्रेस में पीएम मोदी ने दो बार अलग-अलग दौरे पर अपना संबोधन दिया है।
पीएम मोदी ने इथियोपिया में दिसंबर 2025, नामीबिया में जुलाई 2025, त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य में जुलाई 2025, घाना में जुलाई 2025, गुयाना में नवंबर 2024, अमेरिकी कांग्रेस में जून 2023, मालदीव में जून 2019, यूगांडा में जुलाई 2018, अमेरिकी कांग्रेस में जुलाई 2016, अफगानिस्तान में दिसंबर 2015, ब्रिटेन में नवंबर 2015, मंगोलिया में मई 2015, मॉरीशस में मार्च 2015, श्रीलंका में मार्च 2015, फिजी में नवंबर 2014, ऑस्ट्रेलिया में नवंबर 2014, नेपाल में अगस्त 2014, और भूटान में जून 2014 में अपना भाषण दिया है।
बता दें कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सात बार अन्य देशों की संसद में अपना संबोधन दिया था। इसके अलावा इंदिरा गांधी ने चार बार, पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तीन बार, राजीव गांधी ने दो बार, और पीवी नरसिम्हा राव ने 1 बार दूसरे देशों की संसद में भाषण दिया था। इसके अलावा पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने दो बार और मोरारजी देसाई ने एक बार दूसरे देश की संसद को संबोधित किया था।
मनमोहन सिंह ने अमेरिका, मॉरीशस, मंगोलिया, अफगानिस्तान, ब्रिटेन, श्रीलंका और नेपाल की संसद में भाषण दिया था। इसके अलावा इंदिरा गांधी ने अमेरिका, ब्रिटेन, सोवियत संघ और मॉरीशस की असेंबली में भाषण दिया था। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की संसद में संबोधन दिया था। राजीव गांधी ने अमेरिका और ब्रिटेन की संसद में भाषण दिया। पीवी नरसिम्हा राव ने ऑस्ट्रेलिया, अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया और मोरारजी देसाई ने अमेरिका की संसद में अपना संबोधन दिया था।
--आईएएनएस
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