नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। साल 2025 अब खत्म होने वाला है। 2025 का ये आखिरी महीना चल रहा है और इस साल कई अच्छी और बुरी घटनाएं हमें देखने को मिलीं। कुछ घटनाएं हमारी आंखों को नम कर गईं, तो कुछ घटनाएं दिलों को खुशियों से भर गईं। ऐसे में जानते हैं दुनिया की कुछ ऐसी घटनाएं, जिन्होंने खूब सुर्खियां बटोरीं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल 2025 में आतंकियों ने घुसकर पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी। इस घटना में करीब 26 लोग मारे गए। इसके बाद कार्रवाई करते हुए भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर अभियान चलाया और मई 2025 में पाकिस्तान में स्थित आतंक के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया।
ट्रंप के करीबी रहे चार्ली किर्क की एक कार्यक्रम के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने सबको अंदर तक हिलाकर रख दिया। चार्ली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेहद करीबी थे, इसके साथ ही युवाओं में उनकी काफी लोकप्रियता थी।
अमेरिका में शटडाउन भी इस साल चर्चा का विषय रहा। लगभग 43 दिनों तक अमेरिका में शटडाउन जारी था और इस दौरान सरकारी कामकाज ठप्प हो गए थे। इसका असर हवाई सेवा पर भी देखने को मिला। यह अमेरिका का अब तक का सबसे लंबा शटडाउन था। इससे पहले भी राष्ट्रपति ट्रंप के समय में ही सबसे लंबा शटडाउन चला था।
इस साल इजरायल और ईरान के बीच भीषण युद्ध देखने को मिला, जिसमें अमेरिका ने भी इजरायल का साथ दिया। जून 2025 में, इजरायल ने ऑपरेशन 'राइजिंग लायन' शुरू किया और अमेरिका की मदद से ईरान के न्यूक्लियर और मिसाइल के ठिकानों पर तबाही मचा दी। जवाब में, ईरान ने इजरायली मिलिट्री जगहों पर बड़ी मिसाइलों से हमला किया। इजरायल और अमेरिका के हमले में ना केवल ईरान का न्यूक्लियर ठिकाना तबाह हुआ, बल्कि उसके न्यूक्लियर वैज्ञानिक भी मारे गए।
इस घटना के बाद, आम लोगों की मौत, साइबर अटैक, और एयर ट्रैफिक और तेल मार्केट में रुकावट ने वैश्विक खबरों में अपनी जगह बना ली।
इतिहास में पहले अमेरिकी पोप, पोप लियो एक्सआईवी, रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट, इस साल 8 मई को चुने गए। उन्हें पोप फ्रांसिस की मृत्यु के बाद चुना गया था। 21 अप्रैल 2025 को पोप फ्रांसिस की मौत के बाद, कार्डिनल्स ने उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए 7-8 मई को कॉन्क्लेव में मीटिंग की। चौथे बैलेट पर, उन्होंने बिशपों के लिए डिकास्टरी के हेड, अमेरिका में जन्मे कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट को चुना, जिन्होंने पोप लियो एक्सआईवी नाम लिया।
इस साल गुजरात के अहमदाबाद में हुए दर्दनाक विमान हादसे ने सबके दिल को झकझोर कर रख दिया था। यह बेहद भयावह दुर्घटना थी, जिसमें एक शख्स को छोड़कर विमान में सवार सभी लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा विमान जिस बिल्डिंग से टकराई, उसमें अस्पताल के हॉस्टल में खाना खा रहे कई डॉक्टरों की जिंदगी पर पूर्णविराम लग गया। इस घटना का मंजर बेहद डरावना था, जिसमें लगभग 270 लोगों की मौत हो गई। इनमें से 241 लोग विमान में सवार थे।
नेपाल का जेन जेड प्रोटेस्ट इस साल सुर्खियों में रहा। सोशल मीडिया पर बैन को लेकर शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन देखते ही देखते हिंसा में बदल गया। जेन जेड के विरोध प्रदर्शन इस कदर भड़के कि नेपाल में केपी ओली की सरकार का तख्तापलट हो गया। युवाओं का यह गुस्सा बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जुड़ा था।
इस साल एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप भी एक खास वजह से काफी सुर्खियों में रहे। दरअसल, 2024 में अमेरिकी चुनाव के दौरान मस्क और ट्रंप की जुगलबंदी देखने को मिली। हालांकि, 2025 आते-आते इन दोनों की दोस्ती को नजर लग गई और मस्क और ट्रंप पूरी दुनिया के सामने एक-दूसरे से जुबानी जंग करते हुए नजर आए।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही टैरिफ बम फोड़ दिया। ट्रंप सरकार ने अमेरिका द्वारा आयातित सामान पर भारी शुल्क लगाने का ऐलान किया, जिसका वैश्विक बाजार पर गहरा असर पड़ा। इन टैरिफ के कारण वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ा, खासकर चीन और यूरोपीय देशों के साथ। समर्थक इसे अमेरिकी उद्योगों की सुरक्षा बताते हैं, जबकि आलोचकों के अनुसार इससे महंगाई और व्यापारिक टकराव बढ़े। भारत और चीन समेत तमाम देशों पर ट्रंप ने टैरिफ लागू किया।
कभी अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा करने पर सबसे ज्यादा खुश होने वाला पाकिस्तान आज रो रहा है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर तनाव जारी है। दोनों देशों ने तीन राउंड की वार्ता की, लेकिन कुछ हल नहीं निकला।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच भी इस साल काफी तनाव देखने को मिला है। दोनों देशों के बीच भारी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति की मध्यस्थता में सुलह कराई गई, लेकिन कुछ ही महीनों के बाद एक बार फिर सीजफायर समझौता टूट गया।
एससीओ के मंच पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही थी। खास तौर से अमेरिका की नजर इन महाशक्तियों के महामिलन पर थी।
सबसे खास बात इस साल के आखिरी महीने यानी दिसंबर में भारत-रूस शिखर सम्मेलन ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे थे, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान, भारतीय पीएम मोदी और पुतिन के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इस सम्मेलन पर यूरोप, अमेरिका और चीन समेत कई एशियाई देशों की नजर थीं, क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार पुतिन भारत पहुंचे थे, जो सुर्खियों में रहा।
--आईएएनएस
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