सेहत का कवच है पांच स्वादों वाला हरड़, वात-पित्त-कफ का दुश्मन

Harad benefit

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। आयुर्वेद में हरड़ या हरितकी को 'अमृत तुल्य' औषधि माना गया है। इसे कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने वाला सेहत का साथी और तीनों दोषों (वात-पित्त-कफ) का दुश्मन कहा जाता है।

आयुर्वेद के चरक संहिता में हरड़ के औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है। आयुर्वेद बताता है कि यह त्रिदोष नाशक है, यानी वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करता है। हरड़ में पांचों स्वाद कसैला, अम्ल, मधुर, तीखा और कटु मौजूद होते हैं, जो इसे खास बनाते हैं।

इसके रसायन, टैनिन्स, फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को रोगों से बचाते हैं और भीतर से मरम्मत करते हैं। यह एक एडाप्टोजेनिक हर्ब है, जो शरीर की जरूरत के अनुसार काम करता है।

हरड़ के घरेलू उपयोग बेहद प्रभावी हैं। आयुर्वेदाचार्य कब्ज और कमजोर लिवर के साथ ही खूनी बवासीर जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों में भी हरड़ के इस्तेमाल की सलाह देते हैं और साथ ही यह भी बताते हैं कि इसका सेवन कैसे करें। कब्ज को सौ बीमारियों की जड़ कहा जाता है। इसे दूर करने के लिए रात को सोने से पहले आधा चम्मच हरड़ चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें। यह प्राकृतिक रेचक है और आंतों की गतिशीलता बढ़ाता है। साथ ही अपच और एसिडिटी की समस्या में भी कारगर है। इसके लिए 1 चुटकी हरड़ चूर्ण मिश्री के साथ पानी में मिलाकर लें। पित्त दोष शांत होता है और खट्टी डकारें रुकती हैं।

आधा चम्मच हरड़ चूर्ण घी में मिलाकर लेने से मलद्वार की सूजन कम होती है, जिससे खूनी बवासीर में राहत मिलती है। लिवर मजबूत करने के लिए सुबह 1 चम्मच हरड़ चूर्ण शहद के साथ लें। विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं और भूख बढ़ती है। सर्दी-जुकाम में भी हरड़ कारगर है। हरड़ को घी में भूनकर चूर्ण बनाएं और थोड़ा-सा लें। कफ पिघलता है, बलगम निकलता है और गले की सूजन कम होती है। आंखों की रोशनी के लिए हरड़ को रातभर पानी में भिगोकर सुबह उस पानी से आंखें धोएं। सूखापन, जलन और खुजली दूर होती है।

जिम में घंटो पसीना बहाने के बाद भी बेहतर परिणाम रिजल्ट नहीं मिल रहा तो वजन घटाने के लिए भी हरड़ का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए सुबह खाली पेट आधा चम्मच हरड़ चूर्ण गरम पानी के साथ लें। मेटाबॉलिज्म तेज होता है और चर्बी घटती है। बालों को मजबूत करने और रूसी दूर करने के लिए हरड़ उबालकर उसके पानी से सप्ताह में दो बार सिर धोएं। रूसी कम होती है और जड़ें मजबूत होती हैं। मुंह के छालों में भी राहत मिलती है। इसके लिए हरड़ और इलायची का काढ़ा बनाकर कुल्ला करें। जलन और दर्द कम होता है। डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी हरड़ मददगार है। हरड़ और जामुन बीज का चूर्ण एक-एक के अनुपात में दिन में एक बार लें। ब्लड शुगर कंट्रोल होता है।

हरड़ पोषण देने के साथ शरीर की कई समस्याओं को दूर कर स्वस्थ रखने में कारगर है। हालांकि, अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं, कमजोर व्यक्तियों, या डिहाइड्रेशन के दौर से गुजर रहे लोगों को वैद्य की सलाह के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।

--आईएएनएस

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