रामलला के दरबार तक अब भक्तों की यात्रा होगी और अधिक सहज व दिव्य

रामलला के दरबार तक अब भक्तों की यात्रा होगी और अधिक सहज व दिव्य

अयोध्या, 6 अगस्त (आईएएनएस)। रामनगरी अयोध्या, जहां प्रभु श्रीराम ने जन्म लिया, उनके चरणों की पावन धूल से पवित्र यह भूमि अब एक नए स्वरूप में भक्तों का स्वागत कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के गौरव को पुनः स्थापित करने और श्रीराम भक्तों को सहज, सुरक्षित और भव्य अनुभव देने हेतु 'आस्था पथ' का निर्माण कराया है।

यह मार्ग भक्ति पथ से राम गुलेला होते हुए सीधे श्रीराम जन्मभूमि पथ तक पहुंचता है, जो न केवल भौगोलिक रूप से बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी अयोध्या के हृदय को जोड़ता है। 0.225 किलोमीटर लंबा यह मार्ग लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित किया जा रहा है। यह मार्ग अब केवल एक सड़क नहीं, बल्कि श्रद्धा, संस्कृति और सनातन परंपरा का जीता-जागता प्रतीक बन चुका है।

रामायण के अनुसार, श्रीराम का जीवन त्याग, मर्यादा और लोक कल्याण का प्रतीक रहा है। जिस पथ पर प्रभु श्रीराम कभी माता कौशल्या के साथ चले होंगे, वही मार्ग आज 'आस्था पथ' के रूप में विकसित हो रहा है। यह मार्ग अतीत की सांस्कृतिक विरासत और वर्तमान की विकास दृष्टि का अद्वितीय संगम है।

इस मार्ग के माध्यम से श्रद्धालु अब राम जन्मभूमि मंदिर तक और भी सहजता से पहुंच सकेंगे। जिस स्थान को देखने के लिए वर्षों तक प्रतीक्षा की गई, वह अब आधुनिकता और आस्था के समन्वय से सुसज्जित किया जा रहा है।

12 दिसंबर 2023 को प्रारंभ हुए इस कार्य को लोक निर्माण विभाग खंड चार द्वारा तीव्र गति से पूरा किया जा रहा है। अधिशासी अभियंता शशि भूषण सिंह के अनुसार, मार्ग में यूटिलिटी डक्ट, ड्रेनेज, जलापूर्ति पाइप लाइन, सीसी मार्ग जैसे सुविधाजनक ढांचे पहले ही तैयार किए जा चुके हैं।

बारिश के मौसम में जलभराव न हो, इसका विशेष ध्यान रखते हुए उन्नत ड्रेनेज सिस्टम डाला गया है। स्ट्रीट लाइटिंग और फर्नीचर जैसे सौंदर्यात्मक कार्य अंतिम चरण में हैं, जबकि फुटपाथ निर्माण हेतु स्वीकृति मिल चुकी है और यह कार्य भी अगस्त माह के अंत तक पूर्ण होने की संभावना है।

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, जो अब भारत की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बन चुका है, से जुड़ने वाला यह पथ भक्तों के लिए 'रामपथ' के 'नव स्वरूप' के रूप में स्थापित हो रहा है। यह केवल ईंट-पत्थरों से बना एक रास्ता नहीं, बल्कि हर उस श्रद्धालु की भावना का उत्तर है, जो वर्षों से रामलला के दर्शन हेतु सुविधाजनक यात्रा की प्रतीक्षा कर रहा था। योगी सरकार की यह पहल अयोध्या की धार्मिक गरिमा को नई ऊंचाई दे रही है। मंदिर निर्माण के साथ-साथ नगर की संरचना, साफ-सफाई, यातायात और पर्यटक सुविधा को भी एक समग्र दृष्टि से विकसित किया जा रहा है।

स्थानीय नागरिकों और देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं ने इस परियोजना की जमकर प्रशंसा की है। उनका कहना है कि अयोध्या अब न केवल धार्मिक नगरी के रूप में बल्कि एक आदर्श सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल के रूप में विश्व पटल पर उभर रही है।

यह मार्ग रामायण कालीन गौरव और आधुनिक भारत के निर्माण का ऐसा सेतु है, जो केवल अयोध्या को ही नहीं, समस्त भारतवर्ष को भावनात्मक रूप से जोड़ता है। यह मार्ग दर्शाता है कि जहां श्रद्धा होती है, वहीं विकास होता है। जब नेतृत्व संकल्पित हो, तो इतिहास भी वर्तमान में उतर आता है।

--आईएएनएस

एसके/एबीएम