रक्त संचार बेहतर कर भरपूर एनर्जी देता है वृश्चिकासन, अभ्यास से मिलते हैं कई लाभ

Vrishchikaasan pose

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। व्यस्त दिनचर्या और कार्य का बढ़ता तनाव शरीर के साथ-साथ मन को भी शीघ्र बीमारियों की चपेट में ले लेता है। इन समस्याओं से छुटकारा पाने का सबसे प्रभावी तरीका है योगासनों को दिनचर्या में शामिल करना। ऐसा ही एक बेहतरीन आसन है वृश्चिकासन, जिसे स्कॉर्पियन पोज भी कहा जाता है।

इस आसन के अभ्यास के दौरान शरीर बिच्छू की आकृति जैसा बन जाता है। इसके अभ्यास से शारीरिक मजबूती, लचीलापन और मानसिक शांति मिलती है।

मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा के अनुसार, वृश्चिकासन के रोजाना अभ्यास से शरीर को एक-दो नहीं, कई लाभ मिलते हैं।

वृश्चिकासन या स्कॉर्पियन पोज एक इनवर्टेड बैकबेंड आसन है, जिसमें कोहनियों पर संतुलन बनाते हुए पैरों को सिर की ओर झुकाया जाता है। यह आसन कंधों, बाजुओं, पीठ और कोर मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। योग एक्सपर्ट बताते हैं कि इससे रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बढ़ता है, जिससे कमर दर्द और पीठ की समस्याओं में राहत मिलती है। साथ ही, यह पेट की मांसपेशियों को खींचता है, पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और शरीर में ऊर्जा का संचार करता है। वृश्चिकासन एकाग्रता और संतुलन भी बढ़ाता है।

यह मस्तिष्क में रक्त संचार सुधारता है, जिससे स्मरण शक्ति और फोकस बेहतर होता है। नियमित अभ्यास से तनाव कम होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। यह आसन हृदय के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि इनवर्टेड पोजिशन में रक्त प्रवाह संतुलित होता है।

एक्सपर्ट बताते हैं कि इस आसन को करने के लिए सबसे पहले मयूरासन की स्थिति में आएं। कोहनियों को कंधों के नीचे रखें और हथेलियों से जमीन को पकड़ें। शरीर को ऊपर उठाते हुए पैरों को सीधा रखें। अब धीरे-धीरे रीढ़ को झुकाते हुए पैरों को सिर की ओर लाएं, ताकि पैरों की उंगलियां सिर को छूने की कोशिश करें। संतुलन बनाए रखें और गहरी सांस लें। शुरुआत में 10-20 सेकंड तक रुकें, फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। अभ्यास के बाद शवासन या बालासन में विश्राम करें। वृश्चिकासन उन्नत आसन है, इसलिए शुरुआती लोग योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करें।

एक्सपर्ट बताते हैं कि कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए। जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, चक्कर आने की समस्या, गर्भावस्था या पीठ-कमर में चोट वाले लोग इसे न करें। वार्म-अप जरूर करें, जैसे डॉल्फिन पोज या प्लैंक। अगर गर्दन या कंधों में दर्द हो तो न करें। गलत तरीके से करने पर चोट लग सकती है।

--आईएएनएस

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