प्राणायाम : सिर्फ योगासन नहीं, सांसों की शक्ति से स्वस्थ जीवन भी पाएं

प्राणायाम : सिर्फ योगासन नहीं, सांसों की शक्ति से स्वस्थ जीवन भी पाएं

नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, थकान और स्वास्थ्य समस्याएं आम हो चली हैं। ऐसे में योग और खासकर प्राणायाम एक वरदान की तरह उभरकर सामने आया है।

प्राणायाम न केवल शरीर को तंदुरुस्त रखता है, बल्कि मन की शांति और एकाग्रता भी बढ़ाने में मदद करता है।

अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, यह श्वसन रोगों, जैसे ब्रोंकियल अस्थमा के मरीजों के लिए विशेष फायदेमंद है। कैंसर और हृदय रोगों से जूझ रहे लोगों के लिए भी सहायक साबित हुआ है।

हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इसके प्रभावों को और पुख्ता करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले शोध की आवश्यकता है।

प्राणायाम के नियमित अभ्यास से दिल की धड़कन और रक्तचाप नियंत्रित होता है, जिससे हृदय पर दबाव कम पड़ता है। यह सांस लेने की प्रक्रिया को संतुलित करता है, जिससे शरीर को पर्याप्त विश्राम मिलता है।

फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में भी प्राणायाम अहम भूमिका निभाता है। इससे फेफड़े अधिक ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं, जो शरीर के हर कोने तक ऊर्जा पहुंचाती है।

प्राणायाम करने से पाचन तंत्र को बेहतर बनाने, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और नींद की क्वालिटी में सुधार करने में भी मदद मिलती है।

वहीं, प्राणायाम करने के लिए सारा ध्यान अपनी सांसों पर लगाना चाहिए। यह एक प्रकार से ध्यान करने का तरीका भी है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।

विशेषज्ञ बताते हैं, “अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका और कपालभाति जैसे प्राणायाम तनाव कम करने और ध्यान बढ़ाने में कारगर हैं।” ये अभ्यास रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं, जिससे त्वचा में चमक आती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अनिद्रा जैसी समस्याओं में भी प्राणायाम राहत देता है।

आज के व्यस्त जीवन में, प्राणायाम एक सरल और प्रभावी उपाय है, जो हमें प्रकृति से जोड़ता है। रोजाना 10-15 मिनट का अभ्यास भी जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। आप भी सांसों की इस शक्ति को अपनाकर स्वस्थ, सुखी और संतुलित जीवन की ओर बढ़ें।

--आईएएनएस

एनएस/एबीएम