विशाखापत्तनम, 11 जून (आईएएनएस)। पीएम मोदी की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी को बदलकर रख दिया है। इस योजना की वजह से न केवल महिलाओं को धुएं से छुटकारा मिला है बल्कि उनका जीवन भी रोशन हुआ है।
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में ग्रामीण महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने सशक्त बनाया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से लाभान्वित महिलाओं ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस योजना ने घर और बाहर दोनों जगह उनके दैनिक जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।
योजना की लाभार्थी महिला ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि मुझे साल 2018 में पीएम उज्ज्वला योजना के तहत कनेक्शन मिला था। मुझे इस योजना के बारे में एक न्यूज आर्टिकल के माध्यम से पता चला और फिर मैंने पास की एक गैस सर्विस से संपर्क किया। इसके बाद मुझे योजना के अनुसार तुरंत गैस कनेक्शन मिल गया।
वहीं, एक अन्य लाभार्थी महिला ने कहा कि इस योजना का लाभ मिलने के बाद मेरे पास बहुत समय बच जाता है। मैं अब अपने कामकाजी जीवन के साथ-साथ घर पर भी काम कर पा रही हूं। मैं अपने बच्चों को भी समय दे पाती हूं।
इसके अलावा कई अन्य लाभार्थी महिलाओं ने योजना की तारीफ की। एक महिला ने बताया कि पहले मैं खाना पकाने के लिए लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल करती थी। उस दौरान खाना बनाने में 2 से 3 घंटे लगते थे। अब मैं वह समय बचा सकती हूं। कम समय में, मैं अपने बच्चों के लिए खाना बना सकती हूं।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उज्ज्वला योजना के दौरान देश में घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। मार्च 2005 में 8.3 करोड़ उपभोक्ता थे, जो मार्च 2025 तक बढ़कर 32.9 करोड़ हो गए। एलपीजी कवरेज 2016 में 62 प्रतिशत से बढ़कर 99.8 प्रतिशत हो गया। इससे महिलाओं को परिवार के साथ समय बिताने और आय में योगदान देने का मौका मिला।
साथ ही, खाना पकाने के लिए पारंपरिक बायोमास पर निर्भरता कम करके वनों की कटाई और पर्यावरण क्षरण को कम करने में योगदान दिया।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, 2015-16 की तुलना में 2019-21 के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी के मामलों में प्रति 1 लाख लोगों पर 46 प्रतिशत की कमी आई, जबकि शहरी क्षेत्रों में 4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
--आईएएनएस
एफएम/एएस