पीएम मोदी के साथ संवाद ने बढ़ाया किसान का हौसला, 'गोकुल मिशन' से 2 करोड़ की सब्सिडी से फल-फूल रहा फार्म

पीएम मोदी के साथ संवाद ने बढ़ाया किसान का हौसला, 'गोकुल मिशन' से 2 करोड़ की सब्सिडी से फल-फूल रहा फार्म

जामनगर, 14 अक्‍टूबर (आईएएनएस)। गुजरात के जामनगर के एक किसान और पशुपालक धर्मेंद्रभाई कानाभाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष रूप से दिल्ली आमंत्रित किया था। 'गोकुल मिशन' योजना के तहत अब उनके पास 2,500 गिर गायें हैं और उन्हें 2 करोड़ रुपए की सरकारी सब्सिडी मिली है।

इस योजना का उद्देश्य देशी गायों की नस्लों को बढ़ावा देना और दूध उत्पादन बढ़ाना है, जिससे किसानों की आय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले।

पशुपालक और किसान धर्मेंद्रभाई कानाभाई ने पीएम मोदी से मिलने के बाद आईएएनएस से विशेष बातचीत में अपने अनुभव को साझा किया।

उन्‍होंने कहा, 'गोकुल मिशन' योजना के तहत मुझे 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिली। मेरे पास कुछ गायें थीं और मैं डेयरी फार्मिंग का काम करता था। भारत सरकार की स्पष्ट और किसान हितैषी नीतियों की बदौलत मुझे इस बड़ी पहल के लिए चुना गया और परियोजना व बैंकों के सहयोग से मैं एक उच्च गुणवत्ता वाली नस्ल का फार्म स्थापित करने में सक्षम हुआ।

धर्मेंद्रभाई ने बताया कि मेरे फार्म में पैदा हुए बछड़ों में से 63 बछड़े जैविक खेती करने वाले आदिवासी परिवारों को उपहार में दिए और 18 अन्य जैविक किसानों को वितरित किए। अच्‍छी नस्‍ल की गाय से किसान कैसे फायदा ले सकते हैं, इस भारत सरकार के मिशन पर हम काम कर रहे थे। इस काम को पीएम मोदी ने संज्ञान लिया और उनसे मिलने के लिए मेरा चयन हुआ। हमने किसानों को क्‍या मूलभूत सुविधाएं चाहिए और सरकार किस तरह से इस काम को बढ़ावा देने के लिए सहयोग कर सकती है, इस पर चर्चा की।

उन्‍होंने कहा कि पूर्व सरकारों में मंत्रियों और अधिकारियों से मिलने के लिए बहुत दिक्‍कत होती थी। पीएम मोदी ने एक साधारण से किसान को अपने पास बुलाया और सहजता से परिवार के सदस्‍य के रूप में समस्‍याओं पर चर्चा हुई। पीएम मोदी दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्‍यक्ति, किसान और पशुपालक को आगे बढ़ाने के लिए कितना सोचते हैं। उन्‍होंने अपना कीमती समय निकाला और बिना किसी सुरक्षा के हम लोगों से मिले। यह मेरे जीवन का सबसे सुखद अनुभव रहा। हम लोग अब दोगुना उत्‍साह के साथ काम करेंगे। पीएम मोदी से मिलने की बात हम सपने में भी नहीं सोच सकते थे, लेकिन यह संभव हुआ।

--आईएएनएस

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