नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट टीम में सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, और मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे खिलाड़ी हुए हैं जिनका करियर एक दशक से भी ज्यादा लंबा था। इस दौरान इन क्रिकेटरों ने सैकड़ों मैच खेले, लेकिन उन्हें कभी विश्व कप की ट्रॉफी उठाने का मौका नहीं मिला। लेग स्पिनर पीयूष चावला ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने तीनों फॉर्मेट मिलाकर कुल 35 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और इस दौरान एक टी20 विश्व कप और एक वनडे विश्व कप उनके खाते में दर्ज है। यही वजह है कि पीयूष को भारतीय क्रिकेट का लकी चार्म कहा जाता है।
24 दिसंबर 1988 को अलीगढ़ में जन्मे पीयूष को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था। वह दाएं हाथ के लेग स्पिनर और बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। उत्तर प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले पीयूष का 2006 में टेस्ट फॉर्मेट के लिए भारतीय टीम में पहली बार चयन हुआ। उनका डेब्यू मैच इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली में था।
2007 में पहला टी20 विश्व कप खेला गया। भारतीय टीम में पीयूष चावला का चयन हुआ। हरभजन सिंह जैसे दिग्गज स्पिनर की मौजूदगी में पीयूष को टी20 विश्व कप में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन भारतीय टीम ने वो विश्व कप जीता था और पीयूष विश्व विजेता टीम के सदस्य बने।
पीयूष बेशक टी20 विश्व कप 2007 जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे, लेकिन इस फॉर्मेट में डेब्यू उन्होंने 2010 में किया। उन्हें 2007 में वनडे फॉर्मेट में डेब्यू का मौका मिला था।
2007 से 2011 के बीच वह कई बार टीम से अंदर-बाहर हुए, लेकिन 2011 की वनडे विश्व कप के लिए चुनी गई भारतीय टीम में उन्हें मौका दिया गया। इस बार वह सिर्फ बेंच पर ही नहीं बैठे रहे। उन्हें 3 मैच खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 4 विकेट लिए। भारतीय टीम ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल में श्रीलंका को हराकर खिताब जीता था। बतौर खिलाड़ी पीयूष का यह दूसरा विश्व कप था।
2006 से 2012 के बीच पीयूष चावला को भारतीय टीम में बेहद कम मौके मिले। इस दौरान उन्होंने कुल 35 मैच खेले जिसमें 3 टेस्ट, 25 वनडे और 7 टी20 हैं। टेस्ट में 7, वनडे में 32 और टी20 में 4 विकेट उनके नाम हैं।
पीयूष को आईपीएल में भरपूर मौके मिले। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ लीग में उन्होंने अपनी प्रतिभा भी दिखाई। वह आईपीएल इतिहास के चौथे सबसे सफल गेंदबाज हैं। 2008 से 2024 के बीच 192 मैचों में वह 192 विकेट ले चुके हैं।
6 जून 2025 को पीयूष चावला ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था।
--आईएएनएस
पीएके