पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं से हैं परेशान? इन आयुर्वेदिक उपायों से मिलेगा आराम

पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं से हैं परेशान? इन आयुर्वेदिक उपायों से मिलेगा आराम

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। आज के समय में जिंदगी की रफ्तार इतनी तेज हो गई है कि हर कोई किसी न किसी तनाव में जी रहा है। काम का दबाव, परिवार की जिम्मेदारियां, नींद की कमी और असंतुलित खान-पान। ये सारी चीजें हमारे शरीर और मन दोनों पर असर डालती हैं, खासकर महिलाओं पर।

महिलाओं के लिए मासिक धर्म का चक्र एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन जब शरीर और मन में असंतुलन होता है, तो ये चक्र भी बिगड़ने लगता है। कभी पीरियड्स देर से आते हैं, कभी ज्यादा दर्द होता है, तो कभी मूड स्विंग्स परेशान करते हैं।

ऐसे में योग एक बहुत ही असरदार और सुरक्षित तरीका है, जो बिना किसी दवा या साइड इफेक्ट के शरीर और मन को संतुलित करने में मदद करता है। योग सिर्फ आसन नहीं है, बल्कि एक जीवनशैली है। इसमें श्वास-प्रश्वास, ध्यान और शरीर के खिंचाव से जुड़ी मुद्राएं शामिल हैं। जब हम नियमित रूप से योग करते हैं, तो शरीर में हार्मोनल संतुलन बेहतर होता है, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मन शांत रहता है। इससे तनाव कम होता है और पीरियड्स का चक्र भी सामान्य होने लगता है।

कुछ योगासन जो खासतौर पर महिलाओं के लिए फायदेमंद हैं, उनमें भद्रासन, बद्धकोणासन, सेतुबंधासन, बालासन और पवनमुक्तासन शामिल हैं। ये आसन पेट के निचले हिस्से में खून का संचार बढ़ाते हैं और मांसपेशियों को लचीला बनाते हैं। इसके साथ ही, अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम जैसी सांस संबंधी क्रियाएं मानसिक तनाव कम करने में बेहद कारगर हैं।

योग का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसे कोई भी, किसी भी उम्र में शुरू कर सकता है। इसके लिए बस रोजाना कुछ मिनट निकालने की जरूरत होती है। अगर इसे नियमित रूप से किया जाए, तो न सिर्फ मासिक धर्म से जुड़ी दिक्कतें कम होती हैं, बल्कि नींद बेहतर होती है, चेहरा दमकने लगता है और आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

इसके साथ ही ये भी समझना जरूरी है कि योग कोई जादू नहीं करता। ये धीरे-धीरे शरीर और मन को अंदर से मजबूत बनाता है। अगर आपकी दिनचर्या असंतुलित है और तनाव ज्यादा है, तो दवा से ज्यादा असर योग से मिलेगा।

--आईएएनएस

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