लखनऊ, 27 अगस्त (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य नहीं था, बल्कि बेईमान राजनीतिक दलों ने इसे बीमारू राज्य बना दिया था। भ्रष्टाचार और बंदरबांट की राजनीति ने इस समृद्ध प्रदेश को पहचान के संकट में धकेल दिया था। 2017 से पहले नियुक्तियों में बंदरबांट होती थी, और योग्य अभ्यर्थी भेदभाव और भ्रष्टाचार के शिकार होते थे।
उन्होंने कहा कि 1947 के बाद 1960 तक यूपी देश का अग्रणी प्रदेश था, जिसका योगदान 14 प्रतिशत से अधिक था। लेकिन, 1960 के बाद गिरावट शुरू हुई और 1990 के बाद यह और तेज हो गई। 2017 तक यूपी का योगदान 8 प्रतिशत से भी कम हो गया।
सीएम योगी बुधवार को लोकभवन सभागार में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित 2,425 मुख्य सेविकाओं और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान खाद्यान्न उत्पादन, इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश में यूपी पिछड़ता गया। नौजवान यूपी से बाहर जाते थे, लेकिन वहां भी पहचान का संकट झेलते थे। यह दंगों और परिवारवादी राजनीति का परिणाम था, जिसने यूपी को लूट का अड्डा बना दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि महिला और बाल विकास विभाग के तत्वाधान में नवचयनित मुख्य सेविकाओं और फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र वितरण प्रदेश भर की बेटियों के लिए अवसर है। उन्होंने सभी नवचयनितों को बधाई देते हुए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को इस निष्पक्ष प्रक्रिया के लिए धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि हर युवा के मन में सपना होता है और सरकार का दायित्व है कि उसे मंच दे। युवा प्रतिभाशाली और ऊर्जावान होता है, लेकिन जब वह भेदभाव और भ्रष्टाचार का शिकार होता है, तो यह राष्ट्रीय क्षति है। 2017 से पहले यूपी में नियुक्तियां नहीं होती थीं, होती भी तो बंदरबांट और भ्रष्टाचार के चलते योग्य युवा पीछे रह जाते थे। नतीजा, यूपी बीमारू राज्य बन गया।
उत्तर प्रदेश में स्कूल मर्जर को लेकर मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास मुद्दा नहीं, सिर्फ नकारात्मकता है। जर्जर भवनों को शिफ्ट करने और छात्र-शिक्षक अनुपात सुधारने का प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है। एक जर्जर भवन गिरने से बच्चे मरे, लेकिन विपक्ष भ्रम फैलाता है। हम खाली विद्यालयों में प्री-प्राइमरी और बाल वाटिका चलाएंगे, 5000 बाल वाटिकाएं सफलतापूर्वक संचालित भी हैं। इन विद्यालयों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पोषण मिशन से 3-6 वर्ष के बच्चों का मानसिक विकास होगा, जो स्वस्थ समाज के लिए महत्वपूर्ण है।
सीएम योगी ने 2047 के विकसित भारत के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि यह रास्ता आंगनबाड़ी केंद्रों से शुरू होता है। उन्होंने नवचयनित मुख्य सेविकाओं और फार्मासिस्टों से ईमानदारी और भेदभाव मुक्त सेवा की अपील करते हुए कहा कि स्वस्थ बचपन से समृद्ध भविष्य बनेगा। आपकी जिम्मेदारी देश के बचपन को बचाने की है, जैसा मां यशोदा ने भगवान कृष्ण का पालन किया।
उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि यूपी पुलिस में 2 महीने पहले 60,244 भर्ती में 12,045 बेटियां चयनित हुईं। 1947-2017 में सिर्फ 10,000 महिला पुलिसकर्मी थीं, लेकिन 8 साल में 40,000 से अधिक बेटियों को भर्ती किया। बेसिक शिक्षा परिषद में 1,56,000 शिक्षकों में ज्यादातर बेटियां हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का उल्लेख किया, जिसमें 26 लाख से अधिक बेटियों को 25,000 रुपये का पैकेज मिला। साथ ही, 4 लाख बेटियों की शादी सामूहिक विवाह योजना से हुई और मातृ वंदना योजना में 183 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
उन्होंने कहा कि एनएफएचएस सर्वे (2015-16) के बाद 2017 से महिलाओं में एनीमिया 5.1 प्रतिशत, स्टंटिंग 6.6 प्रतिशत, अल्पवजन 7.4 प्रतिशत, और सूखापन 0.6 प्रतिशत कम हुआ। शिशु मृत्यु दर 38 और मातृ मृत्यु दर 197 हो गई। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार और कुपोषण निवारण पर जोर देते हुए कहा कि स्मार्टफोन और रियल-टाइम मॉनिटरिंग से आंकड़े बेहतर होंगे। हर आंगनबाड़ी केंद्र के अंदर समय पर पोषाहार मिल जाए, कुपोषित मन हो या बच्चा हो उसके लिए उपलब्ध पोषाहार समय पर उन्हें मिले, सभी प्रकार की योजनाओं का लाभ उन्हें प्राप्त हो सके, इसके लिए मुख्य सेविकाओं को एक लीडर के रूप में आगे आना होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाग की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि इसी वर्ष 19424 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, 3000 सहायिकाओं का प्रमोशन हुआ और 22,290 मिनी आंगनबाड़ी को मुख्य में तब्दील किया गया। उन्होंने कहा कि 1,90,000 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और 1,90,000 सहायिकाओं के पद स्वीकृत हैं। ऑपरेशन कायाकल्प से आंगनबाड़ी केंद्रों का पुनरुद्धार हुआ। सीएम योगी ने लाभार्थियों से कहा कि आप सरकार की मंशा के अनुरूप परिणाम दें जिससे यूपी एक सशक्त प्रदेश की दिशा में आगे बढ़ सके।
--आईएएनएस
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