नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। शराब या फिर दूसरे नशीले पदार्थ का सेवन सिर्फ आपके शरीर के लिए ही नहीं बल्कि आपके पूरे परिवार के लिए घातक साबित हो सकता है। नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए यूं तो कई रिहैब सेंटर हैं लेकिन हमारे आयुर्वेद में एक ऐसी औषधि का भी वर्णन है जो इस लत को सहजता से दूर कर सकती है।
इसका नाम ‘पातालगरुड़ी’ है, जिसे जलजमनी, छिरहटा ऐसे अनेक नामों से जाना जाता है। इस पौधे का उपयोग आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से निजात दिलाने के लिए किया जाता है। यह औषधीय पौधा खासतौर पर उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद है जो शराब और भांग का नशा करते हैं। शराब-भांग का नशा करने वाले लोगों में एक चीज काफी सामान्य होती है कि वे काफी तनाव महसूस करते हैं।
‘पातालगरुड़ी’ से तनाव और चिंता दूर होती है, क्योंकि इसमें रेसर्पिन जैसे सक्रिय यौगिक होते हैं, जो तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद करते हैं। शराब और भांग की लत अक्सर मानसिक तनाव या चिंता से जुड़ी होती है, और ‘पातालगरुड़ी’ का उपयोग तनाव को कम करके लत को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। यह मस्तिष्क में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित करता है, जो नशे की इच्छा को कम कर सकता है।
शराब और भांग का नशा करने वाले लोगों में अनिद्रा की समस्या होती है। लेकिन, ‘पातालगरुड़ी’ का इस्तेमाल करने से नींद भी भरपूर मिलती है। वो इसलिए क्योंकि इसमें सेडेटिव (शांतिदायक) गुण होते हैं, जो नींद को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं, जिससे नशे की लालसा कम हो सकती है। इसके लगातार इस्तेमाल से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन्स) बाहर निकलते हैं। यह लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है, जो शराब के अत्यधिक सेवन से क्षतिग्रस्त हो सकता है।
इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और नशे की लत से जुड़े मनोवैज्ञानिक लक्षणों, जैसे चिड़चिड़ापन और बेचैनी, को कम करने में इसका उपयोग किया जा सकता है। इस औषधीय पौधे के बारे में आपने जान लिया। लेकिन, इस पौधे का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह के बिना इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से कई तरह के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
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