नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। नए श्रम सुधार मजदूरों के हित में हैं। इससे जमीनी स्तर पर बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। यह जानकारी सोमवार को ट्रेड यूनियन के अधिकारियों की ओर से दी गई।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (एनएफआईटीयू) के पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष बुम्बा मुखर्जी ने कहा कि नए श्रम सुधार श्रमिकों के हित में हैं। इससे जमीनी स्तर पर बदलाव देखने को मिलेंगे। इसमें संगठित के साथ असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी का भी ख्याल रखा गया है।
उन्होंने आगे कहा कि नए श्रम सुधारों के तहत 40 साल से ज्यादा के श्रमिकों को मुफ्त हेल्थ चेकअप की सुविधा मिलेगी। पहले 10 से कम कर्मचारियों या श्रमिकों वाली संस्थानों को ईएसआईसी का फायदा देना अनिवार्य नहीं था, लेकिन अब इसे जरूरी कर दिया गया है। इससे कर्मचारियों की सुविधाओं में इजाफा होगा।
मुखर्जी ने कहा कि इस श्रम सुधारों के फायदों को आप इस तरह से समझ सकते हैं कि पहले ओला, स्विगी और अन्य ऐसे प्लेटफॉर्म में काम करने वालों को नियुक्ति पत्र नहीं मिलता था, लेकिन अब केंद्र सरकार ने सभी के लिए नियुक्ति पत्र अनिवार्य कर दिया है। इसमें नौकरी की शर्तें आदि का उल्लेख होगा, जिससे कर्मचारियों को अधिक अधिकार मिलेंगे।
नेशनल फ्रंट ऑफ ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राकेश मणि पांडे ने कहा कि अंग्रेजो के जमाने के बने कानून में बदलाव स्वागत योग्य है इससे निश्चित रूप से श्रमिकों के लिए हितकारी है और अब उन्हें मुख्य धारा से जोड़ा गया है।
उन्होंने आगे कहा कि बहुत सी जगहों पर नियुक्ति पत्र और न्यूनतम वेतन नहीं दिया जाता है और कई स्थानों पर तो रजिस्टरों में श्रमिकों का नाम नहीं रहता है। नए कानूनों के आने से ऐसी स्थिति में कमी आएगी और जवाबदेही तय होगी।
पांडे ने आगे कहा कि नए संहिताओं में ग्रेच्युटी को लेकर अहम फैसला लिया गया है। अब पांच साल की जगह एक साल काम करने पर इसका लाभ मिलेगा।
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