पटना, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार के भागलपुर जिले में नाथनगर विधानसभा क्षेत्र स्थित है। इसमें नाथनगर, सबौर, हबीबपुर नगर पंचायत और जगदीशपुर प्रखंड के कुछ गांव शामिल हैं। यह क्षेत्र भागलपुर लोकसभा सीट का हिस्सा है। यह क्षेत्र अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ राजनीतिक गतिशीलता के लिए भी महत्वपूर्ण है।
यह क्षेत्र गंगा नदी के किनारे बसा है। इसकी भूमि समतल और उपजाऊ है। नाथनगर का चंपानगर क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। माना जाता है कि यह स्थान प्राचीन अंग महाजनपद की राजधानी रहा है, जहां महाभारत काल के महान योद्धा कर्ण का शासन था।
पुरातात्विक सर्वेक्षणों में यहां बड़े टीलों के नीचे प्राचीन किलों और महलों के अवशेष प्राप्त हुए हैं। महाभारत काल से जुड़ा प्रसिद्ध मनीनाथ मंदिर आज भी यहां स्थित है।
नाथनगर में स्थित श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र जैन धर्मावलंबियों के लिए एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है। यह स्थान बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य से संबंधित है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान वासुपूज्य के पांचों पंच कल्याणक इसी भूमि पर संपन्न हुए थे। यह संपूर्ण विश्व में जैन धर्म का एकमात्र पंच कल्याणक स्थल माना जाता है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो नाथनगर विधानसभा सीट की स्थापना 1967 में हुई थी। पिछले 48 वर्षों में यहां 15 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 2019 का एक उपचुनाव भी शामिल है।
यह सीट लंबे समय तक समाजवादी विचारधारा वाली पार्टियों का गढ़ रही है। कांग्रेस ने शुरुआती दौर में तीन बार (अंतिम बार 1980 में) जीत हासिल की थी। जदयू ने यहां अब तक 6 बार जीत दर्ज की है। भारतीय जनसंघ, समता पार्टी और लोक दल ने भी एक-एक बार जीत दर्ज की। राजद ने 2020 में पहली बार जीत हासिल की।
इस बार चुनाव में मुख्य मुकाबला राजद और एनडीए के घटक दल लोजपा (रामविलास) के बीच है।
जातीय समीकरण को समझा जाए तो नाथनगर में यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी है। इसके अलावा, ब्राह्मण, कोइरी, रविदास और पासवान समुदाय के मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं।
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