नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के 'जन सुनवाई केंद्र' में पहुंचे लोगों ने अपने अनुभव साझा किए। इन लोगों ने आईएएनएस से बातचीत में अपनी समस्याओं के बारे में बताया और यह उम्मीद भी जताई कि उन्हें भरोसा है कि 'मुख्यमंत्री जन सुनवाई केंद्र' के माध्यम से उनकी समस्याओं का निवारण होगा। लोगों ने भरोसा जताया कि उन्हें मुख्यमंत्री की तरफ से मदद मिलेगी।
इसी बीच, 'मुख्यमंत्री जन सुनवाई केंद्र' में सरिता विहार से पहुंचे सुमित कुमार ने बताया कि मैं शारीरिक रूप से दिव्यांग हूं। ऐसी स्थिति में मैंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से कहा कि अगर मुझे नौकरी मिल जाती, तो अच्छा रहता। मेरी तमाम आर्थिक जरूरतों की पूर्ति हो जाती और मुझे किसी पर आश्रित नहीं होना पड़ता। मैंने अपनी समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने मुझे आश्वास्त किया है कि मुझे नौकरी दी जाएगी। मेरी जरूरतों का ख्याल रखा जाएगा। मुझे मुख्यमंत्री पर भरोसा है। निश्चित तौर पर इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि वो लोगों के हितों के लिए काम कर रही हैं।
अशोक विहार से आई नेहा ने बताया कि मैं 'मुख्यमंत्री जन सुनवाई केंद्र' में आई। मैंने मुख्यमंत्री को अपनी समस्या बताई। इसके बाद उन्होंने मुझे मेरी समस्या को देखते हुए एसएचओ के पास जाने के लिए कहा। अब देखते हैं कि क्या होता है। वैसे मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरी समस्या का समाधान होगा। फिलहाल, मेरे लिए कुछ भी कह पाना मुश्किल है। लेकिन, भरोसा है कि जल्द ही सबकुछ हो जाएगा।
शालीमार बाग से आए मनीराम ने बताया कि देश की आजादी में मैंने भी भूमिका निभाई थी। लेकिन, दुख की बात यह है कि आज तक मुझे सरकार की तरफ से कोई भी सुविधा नहीं मिली। इस मुद्दे को जब मैंने 'मुख्यमंत्री जन सुनवाई केंद्र' के समक्ष उठाया, तो मुझे आश्वस्त किया गया है कि आपको पेंशन मिलेगी।
मनीराम ने बताया कि देश की आजादी में योगदान देने के बावजूद भी आज तक किसी भी सरकार की तरफ से न ही मुझे पेंशन की सुविधा मिली और न ही मेरे बच्चों को कोई नौकरी मिली। मेरी हालत सच में खराब है। मेरी आर्थिक हालत खराब है। मैं उम्मीदों से 'मुख्यमंत्री जन सुनवाई केंद्र' में आया हूं। मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरी समस्याओं का निपटारा किया जाएगा। मैं आज 94 साल का हूं। मैंने पंडित जवाहर लाल नेहरू को भी देखा है। मैंने इस देश को आजाद होते हुए देखा है।
--आईएएनएस
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