अहमदाबाद, 28 अगस्त (आईएएनएस)। गुजरात के साबरकांठा जिले के मेघराज तालुका में गणेशोत्सव की परंपरा आज भक्ति और उत्साह के साथ लगातार चल रही है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वर्ष 1988 में यहां गणपति स्थापना को लेकर हालात कितने चुनौतीपूर्ण थे।
उस समय गांव में गणपति स्थापना के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने शोभायात्रा पर पथराव कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी। साथ ही सरकार की ओर से भी अनुमति नहीं दी जा रही थी, जिससे आयोजन अधर में लटक गया था।
उस दौर में साबरकांठा भाजपा के महामंत्री वसंत मेहता और गुजरात भाजपा के तत्कालीन प्रदेश महामंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी उठाई। उन्होंने गणेश जी की मूर्ति स्थापना के लिए प्रशासन से बात की और सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
मोदी स्टोरी नाम के एक्स हैंडल पर जारी एक वीडियो में वसंत मेहता बताते हैं कि घटना की जानकारी मिलने पर नरेंद्र मोदी स्वयं मेघराज पहुंचे, कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों से मुलाकात की और उन्हें आश्वस्त किया कि गणपति स्थापना हर हाल में होगी।
उन्होंने न केवल प्रशासन से बातचीत की बल्कि तत्कालीन कलेक्टर से मिलकर आवश्यक अनुमति भी दिलवाई। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि किसी भी प्रकार का अवरोध या असामाजिक गतिविधि गणेशोत्सव को प्रभावित न कर सके।
इस हस्तक्षेप के बाद मेघराज में गणपति स्थापना और 10 दिन का उत्सव सुरक्षित और भव्य रूप से संपन्न हुआ। तब से लेकर आज तक यहां हर वर्ष गणेशोत्सव निर्बाध रूप से आयोजित हो रहा है। अब तो स्थिति यह है कि केवल गांव ही नहीं, बल्कि हर घर में श्रद्धापूर्वक गणपति की पूजा और विसर्जन का कार्यक्रम आयोजित होता है।
गांव के लोग मानते हैं कि 1988 में नरेंद्र मोदी की पहल और नेतृत्व ने इस परंपरा को बचाया और आज यह उत्सव मेघराज की पहचान बन चुका है।
--आईएएनएस
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