नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 11 साल का कार्यकाल पूरा होने पर देशभर के पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से सरकार को लेकर अपने अनुभव शेयर किए। देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले इन पद्म पुरस्कार से सम्मानित लोगों ने मोदी सरकार के 11 साल की उपलब्धियां गिनाईं। साथ ही उन्होंने बताया कि मोदी सरकार हर एक क्षेत्र में विकास के नए आयाम कैसे गढ़ रही है।
पद्मश्री से सम्मानित बिहार के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. हेमंत कुमार ने सोमवार को मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि पूरा देश आगे बढ़ा है। खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी उत्थान हुआ है। शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में काफी कमी आई है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में लड़कियों पर काफी ध्यान दिया गया है। शिक्षा का स्तर काफी बढ़ा है उनको हर तरह से इंसेंटिव देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। जो लड़कियां पहले घर में बैठी रहती थी। वह अब स्कूल जाने लगी और लड़कियों में शिक्षा का स्तर काफी बढ़ा।
छत्तीसगढ़ की सामाजिक कार्यकर्ता और 'मां बम्लेश्वरी स्वयं सहायता समूह' की अध्यक्ष पद्मश्री फूलबासन बाई यादव ने कहा कि इन 11 वर्षों में देश ने नारी सशक्तिकरण, स्वच्छता, आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है। पीएम मोदी ने नारी सम्मान और स्वाभिमान को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है। महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिए लाखों महिलाओं को रोजगार मिला और वे आत्मनिर्भर बनीं। हम पढ़े-लिखे नहीं हैं। लेकिन, पीएम मोदी ने हम पर भरोसा किया और आज हमारी बहनें और माताएं लखपति दीदी बन गई हैं।"
उन्होंने गर्व से कहा कि दो दीदियों ने मिलकर न केवल अपने परिवार को संभाला, बल्कि पुरुषों के बराबर काम करके लखपति दीदी का दर्जा हासिल किया।
जीआई (भौगोलिक संकेतक) विशेषज्ञ और पद्मश्री डॉ. रजनीकांत ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में पीएम मोदी के 11 साल के कार्यकाल को बेमिसाल और अद्भुत बताया। उन्होंने कहा कि इन 11 वर्षों में शिल्प, कला, कृषि और जीआई के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव आया है, जिसका श्रेय पीएम मोदी की दूरदर्शी सोच को जाता है। डॉ. रजनीकांत ने अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि 2006-07 में जीआई कानून बनने के बाद काशी से इसकी शुरुआत हुई।
उन्होंने बताया,''जब हमने यह यात्रा शुरू की, तो काशी में बनारस की मशहूर साड़ी को पहला जीआई टैग दिलाने के लिए आवेदन किया गया। दो साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सितंबर 2009 में बनारस की साड़ी को जीआई टैग मिला। इसके बाद काशी से गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने, मेटल रिपोज क्राफ्ट, हाथी के अंदर हाथी, सॉफ्ट स्टोन वर्क, और वॉल हैंगिंग जैसे उत्पादों ने भी जीआई की पहचान हासिल की। शुरुआत में प्रगति धीमी थी, लेकिन 2014 के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में जीआई को मानो पंख लग गए। काशी से न सिर्फ प्रधानमंत्री मिले, बल्कि भारत की विरासत को आगे बढ़ाने का रास्ता भी खुला। पीएम ने 'आत्मनिर्भर भारत' और 'लोकल से ग्लोबल' का नारा दिया, जिसने जीआई को नई ताकत दी। इसका नतीजा यह हुआ कि काशी आज जीआई उत्पादों का हब बन गया है। वर्तमान में काशी क्षेत्र में 32 जीआई उत्पाद हैं, जो किसी एक भू-भाग में दुनिया में सर्वाधिक हैं। इनसे 20 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं और 25,500 करोड़ रुपये का कारोबार हो रहा है।
ऑन्कोलॉजिस्ट सर्जन और पद्म पुरस्कार विजेता डॉ. विजयालक्ष्मी देशमाने ने कहा कि पीएम मोदी के 11 साल के कार्यकाल ने देश को नई दिशा दी है। पद्म पुरस्कारों के बारे में बात करते हुए डॉ. देशमाने ने कहा कि पहले लोग सोचते थे कि ये सम्मान सिर्फ शाही परिवार के लोगों या खास लोगों को मिलता है। लेकिन, मोदी सरकार ने इसमें बदलाव लाया। जब मुझे पुरस्कार की खबर मिली, तो मैंने कुछ केंद्रीय मंत्रियों को धन्यवाद देना चाहा।
उन्होंने कहा, "हमें धन्यवाद मत दो, यह पीएम मोदी की पसंद है। उन्होंने मेरे जैसे गुमनाम नायकों को चुना, जो अद्भुत है। पुरस्कारों का चयन अब पारदर्शी और अलग है। अब सरकार और सिस्टम उन लोगों को पहचान रहा है, जो गुमनाम रहकर शानदार काम करते हैं। मैंने देखा कि अलग-अलग क्षेत्रों के लोग, जैसे मेडिकल, सामाजिक कार्य और विज्ञान, सम्मानित हो रहे हैं। यह देखकर बहुत अच्छा लगा।''
पद्मश्री से सम्मानित कनुभाई हसमुखभाई टेलर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने लिए भगवान बताया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व और समर्थन ने न सिर्फ उन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिलाया, बल्कि दिव्यांग बच्चों और समाज के लिए उनके काम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। कनुभाई सूरत में दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूल चलाते हैं। उन्होंने मोदी सरकार की पुरस्कार प्रक्रिया और दिव्यांगों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों की जमकर तारीफ की।
उन्होंने कहा, "मेरा उनसे ( नरेंद्र मोदी) रिश्ता बहुत पुराना है। तब का जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। नरेंद्र मोदी मेरे लिए भगवान हैं। जब से वे मुख्यमंत्री बने, उन्होंने दिव्यांग बच्चों और समाज को मुख्यधारा में लाने का काम किया। यह श्रेय उन्हें ही जाता है। पीएम मोदी के समर्थन से सूरत में दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूल की स्थापना हुई। पीएम मोदी ने हमें जमीन दी, जिस पर यह स्कूल बना। उन्होंने दिव्यांगों के लिए अस्पताल का भी उद्घाटन किया। एक बार उन्होंने मुझसे कहा, 'कल सुबह से बच्चों को पढ़ाओ।' उनकी प्रेरणा से हमने बीसीए कॉलेज शुरू किया, जिसे यूनिवर्सिटी से मान्यता मिली। मुझे इस बात की खुशी है कि दिव्यांग बच्चों को शिक्षा और सम्मान मिल रहा है।"
पद्मश्री पुरस्कार विजेता और प्लास्टिक सर्जन डॉ. योगी ऐरन ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए और केंद्र सरकार के 11 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, "पहले पद्मश्री जैसे बड़े सम्मान सिर्फ वीवीआईपी को मिलते थे, लेकिन अब ग्रामीण स्तर पर काम करने वाले लोग, जिन्होंने अपनी मेहनत और काबिलियत से असंभव को संभव बनाया, उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे पद्मश्री मिलेगा।"
डॉ. ऐरन ने कहा कि पहले लोग प्लास्टिक सर्जरी को नहीं समझते थे और पूछते थे, "इसमें प्लास्टिक कहां है?" लेकिन अब जागरूकता बढ़ी है। लोग जानते हैं कि हाथ की चोट या अन्य समस्याओं के लिए कहां जाना है। इसका श्रेय सरकार की योजनाओं, खासकर आयुष्मान भारत को जाता है।
आयुष्मान भारत योजना की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, "मेरा परिवार अमेरिका में रहता है, लेकिन वहां भी ऐसी योजना नहीं है। आयुष्मान से गरीब से गरीब व्यक्ति सुरक्षित महसूस करता है। पहले गरीब बड़े डॉक्टर तक नहीं पहुंच पाते थे, लेकिन अब वे बेहतर इलाज करवा पा रहे हैं। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में किसी को दिक्कत न हो।
पद्म श्री से सम्मानित भारतीय पैरा-एथलीट के. वाई. वेंकटेश ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में पीएम मोदी के 11 साल के कार्यकाल को शानदार बताया। उन्होंने पीएम मोदी की नेतृत्व शैली और खेलों में योगदान की भी सराहना की।
वेंकटेश ने कहा कि पीएम मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में अर्थव्यवस्था, उद्योग और खेलों में शानदार काम कर रहे हैं। पहले एशियाई खेलों या पैरालंपिक में हमारे पदक दोहरे अंक तक नहीं पहुंचते थे। अब एशियाई खेलों में हमने तीन अंकों का आंकड़ा पार किया है और ओलंपिक में भी दोहरे अंक छू रहे हैं।
उन्होंने पैरा-एथलीटों के लिए भी मोदी सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अटल बिहारी वाजपेयी खेल केंद्र बनाया गया है, जो भारतीय खेल प्राधिकरण के तहत काम कर रहा है। यह पैरा-एथलीटों के लिए बड़ी सौगात है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने केंद्र में 11 साल पूरे होने पर पद्मश्री से सम्मानित और 'झाबुआ के गांधी' नाम से पहचाने जाने वाले महेश शर्मा ने कहा कि यह समय ‘नए भारत के निर्माण’ का है। मोदी सरकार ने न केवल योजनाएं बनाई, बल्कि उन्हें नीचे स्तर तक के लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए क्रियान्वित भी किया।
महेश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह राष्ट्र को एक परिवार की तरह जोड़ा है, उसकी प्रशंसा हर जगह हो रही है। वह केवल उपदेश नहीं देते, बल्कि उन्हें खुद पर लागू करके उदाहरण पेश करते हैं।”
महेश शर्मा ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक बनाने के लिए सुझाव मांगे थे। यह क्षेत्र आदिवासी बलिदान की भूमि मानी जाती है। यह कदम दिखाता है कि आदिवासी समाज को भी अब राष्ट्रीय पहचान दी जा रही है। हमारे सांस्कृतिक गौरव को पुनर्जीवित किया जा रहा है। आज गांव-गांव में लोग मानते हैं कि यह प्रधानमंत्री हमारे अपने हैं। पीएम मोदी ने देश में वह भरोसा पैदा किया है, जो पहले नहीं था। अब जनता को लगता है कि उनकी आवाज दिल्ली तक पहुंच रही है।
मध्य प्रदेश के देवास से पद्मश्री से सम्मानित भजन गायक कालूराम बामनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की संस्कृति को बढ़ावा देने और गायकों व कलाकारों का मनोबल बढ़ाने का सराहनीय कार्य किया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश ने कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय विकास किया है। उन्होंने कबीर पंथ के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गयाजी में कबीर मठ का निर्माण, जिसमें करोड़ों रुपये की लागत आई, इसका उदाहरण है। बामनिया ने कहा, “पीएम का कबीर पंथ और अन्य धर्म गुरुओं के प्रति सम्मान उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।”
पद्म भूषण और पद्मश्री पुरस्कार विजेता डॉ. तेजस पटेल ने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की। डा. पटेल ने कहा, " जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं थे, तब एक मरीज के सिलसिले में उनसे (पीएम मोदी) मुलाकात हुई थी। उस समय अस्पताल में काम करते हुए सीएम मोदी की प्रतिभा और प्रभावशाली व्यक्तित्व को देखा। उनका तेज और आत्मविश्वास देखकर मैं प्रभावित हुआ। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी, विभिन्न समारोहों में उनसे मुलाकात होती रही और हर बार उनकी खासियतें सामने आईं।"
पीएम मोदी की याददाश्त को डा. पटेल ने कमाल का बताया। उन्होंने कहा, " वह सालों बाद भी लोगों को नाम से याद करते हैं। पांच सौ या हजार लोग हों, फिर भी वे पुरानी बातें और संदर्भ याद रखते हैं। उनकी याददाश्त कंप्यूटर की हार्ड डिस्क जैसी है। उनकी हर विषय में गहराई से जाने की आदत ने मुझे प्रभावित किया। चाहे मेडिकल क्षेत्र का मामला हो या कोई और, वे दूसरों पर निर्भर नहीं रहते। वे खुद हर चीज को विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं और समझ भी जाते हैं।"
--आईएएनएस
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