इंफाल,11 अक्टूबर (आईएएनएस)। मणिपुर सरकार शनिवार को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (पीएमडीडीकेवाई) और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के राष्ट्रव्यापी शुभारंभ में शामिल हुई। दोनों पहलों का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में समग्र परिवर्तन लाना और देश में पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन कृषि विभाग द्वारा इंफाल स्थित एमएसएफडीएस सभागार में किया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. पुनीत कुमार गोयल, अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि) विवेक कुमार देवांगन, तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव (वस्त्र, वाणिज्य एवं उद्योग) अनुराग बाजपेयी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान राज्य के चयनित किसानों को पुरस्कार एवं कृषि उपकरण वितरित किए गए। मुख्य सचिव डॉ. गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि ये दोनों प्रमुख पहलें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम हैं, जो भारतीय कृषि को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम हैं।
उन्होंने बताया कि पीएमडीडीकेवाई के अंतर्गत 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत किया जाएगा। योजना का विशेष फोकस देश के 100 सबसे कम विकसित कृषि जिलों पर रहेगा। इस पहल के तहत मणिपुर के तामेंगलोंग जिले को लक्षित विकास के लिए चुना गया है।
डॉ. गोयल ने बागवानी, मत्स्य पालन, जल संसाधन और अन्य संबंधित विभागों से आपसी समन्वय बनाकर जिले के समग्र विकास को गति देने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि योजना का कार्यान्वयन आगामी रबी सीजन से शुरू होगा।
इसी दौरान, 2030-31 तक 11 हजार करोड़ रुपये के परिव्यय वाले दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की भी शुरुआत की गई। इस मिशन का उद्देश्य घरेलू दलहन उत्पादन में वृद्धि, आयात पर निर्भरता में कमी, और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना है। इसके तहत देशभर के किसानों को लगभग 88 लाख बीज किट निःशुल्क वितरित किए जाएंगे।
मुख्य सचिव ने विश्वास व्यक्त किया कि मणिपुर के समन्वित प्रयास न केवल राज्य की कृषि उत्पादकता बढ़ाएंगे, बल्कि भारत के कृषि परिवर्तन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
--आईएएनएस
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