नई दिल्ली, 7 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर ऐसा बयान दिया जिसने एक बार फिर साबित कर दिया कि यूपी अब माफिया-राज और अपराध के दिनों को पीछे छोड़ चुका है। साल 2027 के राजनीतिक पड़ाव से पहले मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में संकेत दे दिया कि उत्तर प्रदेश में अब अपराध, अराजकता और बेटियों की असुरक्षा के लिए कोई जगह नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो लोग व्यवस्था पर बोझ बने हैं, उनसे धरती माता और स्वयं उन्हें मुक्ति मिल जाएगी। प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति केवल नारा नहीं, बल्कि व्यवहार में लागू व्यवस्था है। उन्होंने चेताया कि अगर बेटी की सुरक्षा से किसी ने खिलवाड़ किया, तो उसका अंजाम चौराहे पर तय होगा। सीएम योगी का यह बयान उस सख्त इरादे को दर्शाता है, जिसके कारण उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले पस्त हुए हैं और आम नागरिक के भीतर सुरक्षा का भरोसा मजबूत हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इसी बेबाक अंदाज, स्पष्ट इरादे और अपराध के खिलाफ सख्त व्यवहार की नीति ने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में लोगों को मुरीद बना लिया है।
उत्तर प्रदेश में अब केवल न्याय नहीं, बल्कि समय पर न्याय योगी आदित्यनाथ की सरकार की प्राथमिकता बन चुका है। मुख्यमंत्री अक्सर कहते हैं कि जनता को न्याय मिलते हुए दिखना भी चाहिए और महसूस भी होना चाहिए। वर्षों तक लटकी रहने वाली न्यायिक प्रक्रिया अब तय समय-सीमा में परिणाम देने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उनका स्पष्ट संदेश था कि जो लोग धरती पर अपराधों का बोझ डाल रहे हैं, उन्हें इस बोझ से मुक्ति देने का काम सरकार और पुलिस कर रही है। यह नीति प्रदेश में कानून के राज को सिर्फ कागजों में नहीं, बल्कि धरातल पर उतारने का प्रमाण बन चुकी है।
कभी उत्तर प्रदेश की पहचान माफिया के खौफ से जुड़ी थी। आज वही प्रदेश 'वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज' और 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' से पहचाना जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई मंचों पर कह चुके हैं कि जो भाषा माफिया समझता है, उसी भाषा में सरकार ने उसे जवाब दिया। यही कारण है कि अब जनता के खिलाफ काम करने वालों को न संरक्षण मिलता है, न ही राजनीतिक ढाल। सरकार की स्पष्ट नीति है कि उत्तर प्रदेश में अब केवल कानून का राज चलेगा, किसी अपराधी या माफिया का नहीं। जो जनता के खिलाफ खड़ा होगा, उसे मिट्टी में मिला दिया जाएगा। यह सिर्फ चेतावनी मात्र नहीं है, बल्कि अपराध व अराजकता को बढ़ावा देने वालों के दिलों में दहशत और जनता के लिए सुकून की सांस की गारंटी है।
यूपी में माफिया के खिलाफ कार्रवाई अब केवल गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि सरकार ने अवैध कब्जों से हजारों करोड़ की जमीन मुक्त कराई। यही वह जमीन है, जहां आज गरीबों के लिए आवास बन रहे हैं और विकास की नई इमारत खड़ी हो रही है। जिन जमीनों पर कभी अपराध का अंधेरा था, वहां आज वंचितों के सपनों का सवेरा उग रहा है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वर्षों से फंसे साढ़े तीन लाख बायर्स को उनका घर दिलाकर सरकार ने यह भी साबित किया कि विकास केवल सड़कों और इमारतों का नाम नहीं, बल्कि न्याय और भरोसे का दूसरा नाम है।
यूपी में साल 2017 में जब योगी सरकार बनी, तब प्रदेश के पास महज़ डेढ़ एक्सप्रेसवे था। आज देश के एक्सप्रेसवे नेटवर्क का 55 प्रतिशत हिस्सा अकेले उत्तर प्रदेश में है। 2017 में जहां केवल 2 एयरपोर्ट पूरी तरह संचालित थे, आज यूपी में 16 एयरपोर्ट काम कर रहे हैं। मेट्रो, रैपिड रेल, चौड़ी सड़कें और स्मार्ट शहरों के साथ उत्तर प्रदेश अब देश के विकास इंजन के रूप में उभर चुका है। तेजी से बढ़ता शहरीकरण, बेहतर बुनियादी सुविधाएं, सुरक्षित सड़कें, बिजली-पानी और हरियाली, ये सभी उस भय-मुक्त समाज की नींव हैं, जहां नागरिक बिना डर के जी सके। सरकार का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में शहरीकरण को 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत तक ले जाने का है। यह स्पष्ट प्रमाण है कि प्रदेश भययुक्त से भयमुक्त बनने की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश अब भविष्योन्मुख प्रगति के पथ पर है जो बिना अराजकता की अनिश्चितता को दूर किए प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा अब केवल कानून का विषय नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का आधार बन चुकी है। यूपी पुलिस में महिलाओं की संख्या 44 हजार तक पहुंच चुकी है। स्वयं सहायता समूहों के जरिये लाखों महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। बेटी के जन्म से लेकर उसकी पढ़ाई, शादी और नौकरी तक सरकार की योजनाएं उसकी ढाल बनकर खड़ी हैं। मिशन शक्ति के जरिए प्रदेश में नारी शक्ति के सम्मान, स्वावलंबन व सशक्तिकरण को नई दिशा दी जा रही है। महिलाओं के लिए यह बदलाव केवल सरकारी आंकड़ों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हर गांव, कस्बे और शहर की जिंदगी में साफ दिखाई दे रहा है।
उत्तर प्रदेश आज ऐसा माफिया मुक्त प्रदेश है, जहां अपराधी नहीं, कानून ताकतवर है, जहां डर नहीं, बल्कि विकास की रफ्तार पर जोर है, जहां माफियाओं के कब्जे से मुक्त हुई जमीनों पर गरीबों के मकान हैं, और जहां बेटियां डरती नहीं हैं, बल्कि सशक्त होकर आत्मविश्वास से आगे बढ़ रही हैं। ये बदलाव सुशासन, सुप्रबंधन और सुनीति का वह समायोजन है, जो केवल वक्तव्यों तक सीमित नहीं बल्कि वास्तविकता का साक्षात्कार है, और इसी वास्तविकता का साक्षात्कार न केवल प्रदेश बल्कि देश-दुनिया कर रही है।
--आईएएनएस
पीएसके