लिवर की सफाई और ताकत बढ़ाने के लिए रोज करें ये 5 आसान योगासन

लिवर की सफाई और ताकत बढ़ाने के लिए रोज करें ये 5 आसान योगासन

नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। आज के दौर में हमारी जिंदगी जितनी तेज होती जा रही है, उतनी ही तेजी से हमारे शरीर की अंदरूनी सेहत बिगड़ती जा रही है। सुबह से लेकर रात तक की भागदौड़, तला-भुना खाना, देर रात तक जागना जैसी आदतें हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंग, खासकर लिवर को नुकसान पहुंचा रही हैं। लिवर यानी यकृत, हमारे शरीर का वो अंग है जो न सिर्फ खाना पचाने में मदद करता है, बल्कि खून को साफ करता है, शरीर से विषैले तत्व को निकालता है और इम्युनिटी को भी संभालता है। लेकिन जब ये ठीक से काम नहीं करता, तो बुरा असर पूरे शरीर पर पड़ता है। थकान, बदहजमी, चक्कर, नींद की कमी और यहां तक कि बड़ी बीमारियों के होने का भी खतरा बढ़ जाता है।

ऐसे में अगर कोई ऐसा तरीका हो जो बिना दवा के लिवर को साफ रखे और उसकी ताकत बढ़ाए, तो वो है 'योग'।

योग कोई नया तरीका नहीं है, बल्कि हजारों साल पुरानी एक ऐसी भारतीय पद्धति है जो शरीर, मन और आत्मा तीनों का संतुलन बनाती है। साथ ही लिवर को डिटॉक्स भी करता है और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है।

आयुष मंत्रालय ने लिवर के लिए कुछ खास योगासन जैसे भुजंगासन, धनुरासन, नौकासन, अर्ध मत्स्येन्द्रासन और पवनमुक्तासन आदि के बारे में बात करते हुए इन्हें लिवर की सेहत के लिए वरदान बताया है। यह आसन लिवर के आसपास की मांसपेशियों पर असर डालते हैं, जिससे खून का प्रवाह बेहतर होता है और कोशिकाओं की मरम्मत शुरू होती है।

भुजंगासन: भुजंगासन एक आसान लेकिन बहुत फायदेमंद योगासन है, खासकर लिवर और पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए। इस आसन में हम पेट के बल लेटते हैं और सांस लेते हुए सिर और छाती को ऊपर उठाते हैं, जिससे शरीर का ऊपरी हिस्सा सांप की तरह दिखता है। इससे पेट के अंदरूनी अंगों, जैसे लिवर और अग्न्याशय की मालिश होती है, जो उनके काम को बेहतर बनाती है। यह पाचन सुधारने में मदद करता है और लिवर में खून का प्रवाह बढ़ाता है। रोजाना 15-30 सेकंड तक करने से शरीर को ताजगी और ऊर्जा भी मिलती है।

धनुरासन: धनुरासन एक असरदार योगासन है जो लिवर और पाचन के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसे करते समय शरीर का आकार धनुष जैसा हो जाता है, इसलिए इसे धनुरासन कहा जाता है। इसमें हम पेट के बल लेटकर घुटनों को मोड़ते हैं और हाथों से टखनों को पकड़ते हैं। फिर सांस लेते हुए छाती और पैरों को ऊपर उठाते हैं। इससे लिवर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और पाचन तंत्र बेहतर होता है। यह लिवर की कोशिकाओं को सक्रिय करता है। रोज 20-30 सेकंड करने से बेहतरीन असर दिखता है।

नौकासन: नौकासन एक सरल लेकिन असरदार योगासन है। इससे पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और लिवर, किडनी जैसे अंग सक्रिय हो जाते हैं। यह पाचन सुधारने में भी मदद करता है। इसे करते समय शरीर का आकार नाव जैसा बनता है, इसलिए इसका नाम नौकासन है। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेटें। एक साथ सिर, हाथ और पैर को ऊपर उठाएं। जब शरीर नाव के आकार में आ जाए, तो इस स्थिति में 20–30 सेकंड तक खुद को रखें और सामान्य सांस लेते रहें। रोज 20-30 सेकंड इस मुद्रा में रुकने से शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और पेट की चर्बी भी धीरे-धीरे कम होने लगती है।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन: अर्ध मत्स्येन्द्रासन लिवर और पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद योगासन है। इस आसन में कमर को मोड़कर बैठा जाता है, जिससे पेट के अंदरूनी अंगों पर हल्का दबाव पड़ता है। यह लिवर और आंतों को साफ करता है और उनकी कार्यक्षमता बढ़ाता है। इस आसन का अभ्यास करने के लिए दंडासन में बैठें और रीढ़ सीधी रखें। फिर बायां पैर मोड़कर दाएं घुटने के पार रखें और दायां पैर मोड़कर बाएं नितंब के पास ले जाएं। अब दाहिने हाथ से बाएं पैर का पंजा पकड़ें और धड़ को बाईं ओर मोड़ें। गर्दन भी मोड़ें ताकि नजर बाएं कंधे की तरफ रहे। बायां हाथ पीछे टिकाएं और सामान्य सांस लें। इस स्थिति में 30-60 सेकंड तक रहें।

पवनमुक्तासन: पवनमुक्तासन एक बहुत ही आसान और फायदेमंद योगासन है, इससे लिवर की सेहत में सुधार आता है। साथ ही गैस, एसिडिटी या पाचन से जुड़ी समस्या से राहत मिलती है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं, दोनों घुटनों को मोड़ें। घुटनों को छाती की ओर लाएं और हाथों से पकड़ें। सिर को ऊपर उठाकर घुटनों से मिलाएं। 20 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें।

--आईएएनएस

पीके/केआर