खाली पेट कॉफी पीने से बचना जरूरी है, नहीं तो घेर लेंगी कई समस्याएं

 a cup of coffee

नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ठंडी सुबह हो, हल्की धुंध फैली हो और रसोई से उठती कॉफी की खुशबू—सर्दियों में दिन की शुरुआत का इससे बेहतर तरीका भला क्या हो सकता है! लेकिन अगर आप भी बिना कुछ खाए सीधे कॉफी का कप उठा लेते हैं, तो सावधान हो जाइए। यह गर्म चुस्की आपके शरीर के लिए राहत से ज्यादा आफत का सबब बन सकती है। कुछ मेडिकल शोध बताते हैं कि खाली पेट कॉफी पीने की आदत धीरे-धीरे आपके पाचन, हार्मोन और ऊर्जा स्तर पर नकारात्मक असर डाल सकती है।

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ (2021) में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, खाली पेट कॉफी पीने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल अस्थिर हो सकता है। शोध में पाया गया कि नींद के तुरंत बाद कैफीन लेने से शरीर की ग्लूकोज को नियंत्रित करने की क्षमता लगभग 50 प्रतिशत तक घट जाती है। यानी अगर आप नाश्ते से पहले कॉफी पीते हैं, तो दिनभर आपकी एनर्जी और शुगर में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।

कॉफी में मौजूद कैफीन और एसिड पेट की अम्लीयता को भी बढ़ा देते हैं। खाली पेट में पहले से मौजूद एसिड जब कैफीन के संपर्क में आता है, तो सीने में जलन, गैस और एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। यह असर खासतौर पर सर्दियों में अधिक होता है, जब शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा और पाचन संवेदनशील होता है।

मेडिकल जर्नल न्यूट्रियंट्स (2022) की रिपोर्ट में बताया गया है कि सुबह खाली पेट कैफीन लेने से शरीर का कॉर्टिसोल स्तर यानी तनाव हार्मोन बढ़ जाता है। यह न केवल मूड और नींद को प्रभावित करता है, बल्कि लगातार ऐसा होने से थकान और चिड़चिड़ापन भी बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कॉफी का सबसे सही समय वह है जब आप नाश्ता कर चुके हों—लगभग 30 से 45 मिनट बाद। इससे एसिड संतुलन बना रहता है और कॉफी का एनर्जी बूस्ट बिना साइड इफेक्ट के मिलता है।

हालांकि कॉफी को पूरी तरह हानिकारक नहीं कहा जा सकता। कई अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि सीमित मात्रा में कॉफी (दिन में 2–3 कप) हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकती है। फर्क सिर्फ इस बात का है कि इसे कब और कैसे पिया जाए।

ये शोध ही सुझाव देते हैं कि सर्दियों की सुबह कॉफी से पहले एक गिलास गुनगुना पानी या थोड़ा-सा हल्का नाश्ता लेना शरीर को बेहतर तैयार करता है। इससे कॉफी का स्वाद भी बढ़ता है और उसका असर भी संतुलित रहता है।

--आईएएनएस

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