नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। केसर का इस्तेमाल आयुर्वेद में औषधि के तौर पर होता आया है। केसर के इतने गुण होते हैं कि वह शरीर के तीनों दोषों को संतुलित करने की क्षमता रखता है।
यह पोषक तत्वों को अच्छे से पचाने और शरीर के उत्तकों से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। इसलिए सदियों से केसर का इस्तेमाल खाने की पौष्टिकता बढ़ाने और बीमारियों में राहत पाने के लिए होता आया है।
आमतौर पर केसर के धागों को पकवानों में डालने से पहले रंग लाने के लिए थोड़े से दूध में भिगोया जाता है। खाना पकाने में केसर का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता रहा है। सर्दियों में अपने गुणों की वजह से केसर का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। इसकी गर्म तासीर सर्दियों में इसके उपयोग और लाभ को बढ़ा देती है।
केसर में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर को ऊर्जा देने के साथ संक्रमण से भी बचाते हैं। यह शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है। आसान भाषा में कहें तो ये शरीर में तनाव बढ़ाने वाले मुक्त कणों की संख्या को बढ़ने से रोकता है। इसके लिए सुबह के वक्त केसर और अदरक का गुनगुना पानी पीना अच्छा रहेगा। ये कॉम्बिनेशन आंतों को साफ होने में भी मदद करेगा।
याददाश्त और सोचने-समझने की क्षमता में सुधार में केसर मदद करता है। अगर आपका काम पढ़ाने या पढ़ाई से जुड़ा है, तो केसर सोचने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा। इसके अलावा, ये उम्र से संबंधित दिमाग की कमजोरी को भी कम करने में मदद करता है। इसके लिए केसर को दूध के साथ लिया जा सकता है। केसर की तासीर गर्म होती है, इसलिए केसर का इस्तेमाल सर्दियों में करना ज्यादा लाभकारी होता है।
शरीर को गर्म रखने और वायरल और सर्दी-खांसी के संक्रमण से बचाने में भी केसर मदद करता है। केसर शरीर की सूजन को भी कम करने में मदद करता है। केसर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। केसर में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पुरानी सूजन से भी छुटकारा दिला सकते हैं। एंटी-डिप्रेसेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होने की वजह से केसर मानसिक तनाव को भी कम करता है। इसकी खुशबू मन को शांत करती है।
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