नई दिल्ली, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने काशी तमिल संगमम के चौथे संस्करण के अवसर पर एक विशेष वीडियो संदेश दिया, जिसमें काशी और तमिलनाडु के बीच चिरस्थायी सांस्कृतिक बंधन का उत्सव मनाया गया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2022 में आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान काशी तमिल संगमम के शुभारंभ के बाद से यह पहल एक प्रमुख राष्ट्रीय मंच के रूप में विकसित हुई है। यह गंगा की संस्कृति और कावेरी की परंपराओं को एक साथ लाती है, जो उत्तर और दक्षिण की सांस्कृतिक एकता और उनकी साझा सभ्यतागत विरासत का प्रतीक है।
उपराष्ट्रपति ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि तमिल को उसका उचित सम्मान और निरंतर राष्ट्रीय समर्थन मिल रहा है। उन्होंने इस वर्ष की थीम 'आइए तमिल सीखें' का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह थीम भाषाई और सांस्कृतिक सद्भाव को सुदृढ़ करती है।
उन्होंने चेन्नई के केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान द्वारा प्रशिक्षित 50 हिंदी भाषी तमिल शिक्षकों और समन्वयकों की पहल की सराहना की, जो 15 दिनों की अवधि में 50 सरकारी और निजी स्कूलों के 1,500 से अधिक छात्रों को बुनियादी तमिल पढ़ाने के लिए वाराणसी पहुंचे हैं।
उपराष्ट्रपति ने तमिलनाडु और काशी के बीच प्राचीन सांस्कृतिक मार्गों को फिर से खोजने के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने तेनकासी से काशी तक प्रतीकात्मक अगथियार यात्रा का उल्लेख किया, जो 2 दिसंबर को शुरू हुई और 10 दिसंबर को समाप्त होगी।
यह यात्रा पांड्य राजा अथिवीरा पराक्रम पांडियन द्वारा फैलाए गए एकता के संदेश का स्मरण कराती है, जिनकी यात्राओं ने तमिलनाडु को काशी से जोड़ा और तेनकासी-तमिलनाडु का एक शहर जिसका नाम दक्षिणी काशी है, को उसकी पहचान दी।
उन्होंने उस पहल का भी स्वागत किया जिसके तहत उत्तर प्रदेश के 300 छात्र दस समूहों में केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान सहित तमिलनाडु के प्रमुख संस्थानों की यात्रा करेंगे।
उपराष्ट्रपति ने संगमम को 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि काशी और तमिलनाडु भारत की प्राचीन सभ्यता के दीपों की तरह अपनी सांस्कृतिक समृद्धि से राष्ट्र को आलोकित करते हैं।
उपराष्ट्रपति ने इस सांस्कृतिक एकता कार्यक्रम को इतने भव्य तरीके से आयोजित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य केंद्रीय मंत्रालयों की सराहना की।
उपराष्ट्रपति ने काशी तमिल संगमम को एक भव्य सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक उत्सव बनाने के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि संगमम सदैव प्रकाशमान रहेगा, काशी और तमिलनाडु के बीच का बंधन हजारों वर्षों तक और भी मजबूत होता रहेगा और एकता की यह भावना राष्ट्र को प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व द्वारा परिकल्पित भारत की ओर ले जाएगी।
-आईएएनएस
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