कंधा : शरीर का साइलेंट वॉरियर, जो आपके रोजमर्रा के काम को बनाते हैं आसान

कंधा: शरीर का साइलेंट वॉरियर, जो आपके रोजमर्रा के काम को बनाते हैं आसान

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कंधे हमारी ऊपरी बॉडी के साइलेंट वॉरियर हैं, जो हमें ताकत, संतुलन और अभिव्यक्ति तीनों देते हैं। रोजमर्रा के कामों में हम हर वक्त उनका इस्तेमाल करते हैं, फिर चाहे बैग उठाना हो, किसी को गले लगाना हो या बस किसी चीज तक हाथ बढ़ाना हो। लेकिन ज्यादातर लोग तब तक कंधों की अहमियत नहीं समझते, जब तक उनमें दर्द या जकड़न महसूस न हो।

कंधे की संरचना काफी जटिल होती है। इसमें तीन मुख्य हड्डियां मिलकर काम करती हैं। ह्यूमरस (ऊपरी भुजा की हड्डी), स्कैपुला (कंधे की हड्डी) और क्लेविकल (हंसली)। इन हड्डियों के चारों ओर रोटेटर कफ नामक मांसपेशियों का समूह होता है जो कंधे को स्थिर और गतिशील रखता है। इसी वजह से हम अपने हाथों को लगभग 360 डिग्री तक घुमा सकते हैं, जो शरीर के किसी और जोड़ में संभव नहीं।

कंधे सिर्फ शारीरिक ताकत का नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और भावनाओं का भी आईना हैं। जब हम थके या उदास होते हैं, तो कंधे अपने-आप झुक जाते हैं और जब आत्मविश्वास से भरे होते हैं, तो सीधे खड़े रहते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद में कंधों को बलस्थान कहा गया है यानी शरीर की शक्ति और स्थिरता का आधार।

आज की लाइफस्टाइल में कंधे की दिक्कतें बहुत आम हैं। फ्रोजन शोल्डर, रोटेटर कफ इंजरी या आर्थराइटिस जैसी समस्याएं अक्सर देखने को मिलती हैं। इनसे बचने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय बहुत असरदार हैं।

रोजाना सरसों या तिल के तेल से मालिश करें, इससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और अकड़न घटती है। योगासन जैसे गोमुखासन, गरुड़ासन और अधोमुख श्वानासन कंधों को लचीला और मजबूत बनाते हैं। अगर दर्द या सूजन हो, तो ठंडी और गर्म सिकाई बारी-बारी से करें।

आहार में कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर चीजें जैसे दूध, तिल, अंजीर और पनीर शामिल करें। साथ ही अश्वगंधा और हडजोड़ जैसी जड़ी-बूटियां जोड़ों के लिए बहुत फायदेमंद मानी गई हैं।

--आईएएनएस

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